इस्तीफे के बाद रवींद्र भारती विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा, बतौर शिक्षक अध्यापन कार्य जारी रखना चाहता हूं

डीएन ब्यूरो

अन्य लोगों की तरह प्रख्यात राजनीति विज्ञानी सब्यसाची बसु रॉय चौधरी ने रवींद्र भारती विश्वविद्यालय (आरबीयू) के कुलपति पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन उन्होंने कहा कि वह विश्वविद्यालय में एक शिक्षक के रूप में अध्यापन कार्य जारी रखना चाहते हैं।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

(फाइल फोटो )
(फाइल फोटो )


कोलकाता:अन्य लोगों की तरह प्रख्यात राजनीति विज्ञानी सब्यसाची बसु रॉय चौधरी ने रवींद्र भारती विश्वविद्यालय (आरबीयू) के कुलपति पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन उन्होंने कहा कि वह विश्वविद्यालय में एक शिक्षक के रूप में अध्यापन कार्य जारी रखना चाहते हैं।

आरबीयू के एक शीर्ष सूत्र ने कहा कि रॉय चौधरी ने उच्च शिक्षा विभाग से यह भी अनुरोध किया है कि किसी अन्य विश्वविद्यालय में भावी नियुक्ति के लिए उनके नाम पर विचार नहीं करे।

राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सभी 24 कुलपतियों को पद से इस्तीफा देने के लिए कहा था ताकि उनकी नियुक्ति संबंधी तकनीकी मुद्दे का समाधान किया जा सके।

बोस ने कुलपतियों से कहा था कि वे और तीन महीने तक पद पर बने रहें। इसके साथ ही उन्होंने उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के बाद संबंधित प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि वे कुलपतियों की नयी नियुक्ति करें।

रॉय चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैंने 29 फरवरी को अपना इस्तीफा दे दिया। मैं सिक्किम में था और ऐसा पहले नहीं कर सकता था। मैं शिक्षण और अकादमिक कार्य जारी रखना पसंद करूंगा। मैं विद्यार्थियों के बीच रहना चाहता हूं।’’

मार्च 2020 में होली की पूर्व संध्या पर एक कार्यक्रम में छात्राओं के एक समूह द्वारा रवींद्रनाथ टैगोर के गीत की एक पंक्ति को तोड़-मरोड़ कर अपनी पीठ पर अश्लील नारे प्रदर्शित करने से उपजे विवाद के बाद कुलपति ने इस्तीफा दे दिया था।

हालांकि, सरकार के समझाने पर उन्होंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया था। होली से पहले का कार्यक्रम हर साल बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करता रहा है।

 










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