रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय के नए कुलपति का बड़ा बयान, जानिये राजनीति के लेकर क्या कहा

डीएन ब्यूरो

शुक्रवार को यहां रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय (आरबीयू) के अंतरिम कुलपति का पदभार संभालने वाले न्यायमूर्ति सुभ्रो कमल मुखर्जी ने कहा कि वह कोई “राजनीतिक शख्सियत” नहीं हैं और अपनी भूमिका निभाते समय हर हितधारक को साथ लेकर चलेंगे। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

न्यायमूर्ति सुभ्रो कमल मुखर्जी
न्यायमूर्ति सुभ्रो कमल मुखर्जी


कोलकाता: शुक्रवार को यहां रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय (आरबीयू) के अंतरिम कुलपति का पदभार संभालने वाले न्यायमूर्ति सुभ्रो कमल मुखर्जी ने कहा कि वह कोई “राजनीतिक शख्सियत” नहीं हैं और अपनी भूमिका निभाते समय हर हितधारक को साथ लेकर चलेंगे।

छह दशक पहले विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से शैक्षणिक पद के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति का यह पहला मामला है।

मुखर्जी कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश हैं और बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने बुधवार को अंतरिम कुलपति के तौर पर उनकी नियुक्ति की थी। राज्यपाल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं। उनकी नियुक्ति को लेकर बहस विश्वविद्यालय परिसर के बाहर तक पहुंच गई है।

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उन्होंने शुक्रवार को गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक निवास, उत्तरी कोलकाता में आरबीयू जोरासांको परिसर का दौरा किया और प्रार्थना की।

बाद में, जब नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन के संबंध में भविष्य की योजना के बारे में पूछा गया, तो मुखर्जी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि वह राज्य विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षाविदों की बात सुनेंगे।

उन्होंने कहा, “देखिए मैं कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं। मैंने अभी कार्यभार संभाला है। मुझे संबंधित सभी लोगों से बात करने दीजिए। विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित शिक्षक इस संस्था से जुड़े हुए हैं। मैं उनकी बात सुनूंगा। मुझे आशा है कि वे जो भी निर्णय लेंगे वह सर्वोत्तम हित में होगा।”

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आरबीयू के रजिस्ट्रार सुबीर मित्रा ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि मुखर्जी ने शुक्रवार को कार्यभार संभाला, उन्होंने टैगोर की स्मृति से जुड़े विश्वविद्यालय के विभिन्न कमरों का दौरा किया और आरबीयू व बीटी रोड परिसरों में विश्वविद्यालय के अधिकारियों और संकाय सदस्यों से मुलाकात की।

राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति राज्यपाल ने बृहस्पतिवार को एक नोटिस जारी किया जिसमें लिखा था, “न्यायमूर्ति सुभ्रो कमल मुखर्जी (सेवानिवृत्त) को रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय के लिए कुलपति की शक्ति का प्रयोग करने और कर्तव्यों का पालन करने के लिए अधिकृत किया गया है... अगले आदेश तक।”

विश्वविद्यालय में आठ जून को शिक्षाविद् निर्मल्य नारायण चक्रवर्ती का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से कुलपति का पद खाली था।










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