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Dehradun: लखवाड़ बांध प्रभावित किसानों का धरना 7वें दिन भी जारी, नेताओं ने जताया समर्थन

लखवाड़ बांध परियोजना प्रभावित किसानों का धरना केवल किसानों की आवाज़ को उठाने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह सरकार और प्रशासन के लिए चेतावनी भी है कि विकास के साथ न्याय सुनिश्चित करना जरूरी है। पढ़िये पूरी खबर
Post Published By: ईशा त्यागी
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Dehradun: लखवाड़ बांध प्रभावित किसानों का धरना 7वें दिन भी जारी, नेताओं ने जताया समर्थन

Dehradun: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के विकास नगर में लखवाड़ बांध परियोजना से प्रभावित किसानों का धरना सातवें दिन भी जारी रहा। प्रभावित किसान अपनी 22 मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि परियोजना से उनकी ज़मीन, खेती और आजीविका प्रभावित हो रही है और सरकार से उचित मुआवजा और राहत की मांग कर रहे हैं।

राजनीतिक हस्तियों का समर्थन

धरना स्थल पर पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान ने किसानों से मुलाकात की और उनका समर्थन किया। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों की समस्याओं को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तक पहुँचाने के लिए समय लेने का प्रयास किया जाएगा।

धरना स्थल पर कांग्रेस नेत्री सोनिया आनंद भी उपस्थित रहीं। उन्होंने किसानों से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी समस्याओं का निराकरण सुनिश्चित करवाना उनकी प्राथमिकता है। सोनिया आनंद ने प्रभावित किसानों को आश्वस्त किया कि उनकी आवाज़ को विधानसभा और केंद्र तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।

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बांध प्रभावित समिति की भूमिका

लखवाड़ बांध परियोजना प्रभावित समिति के अध्यक्ष जगमोहन सिंह चौहान ने धरना स्थल पर उपस्थित किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि धरना किसानों के हक के लिए है और उनकी मांगें न्यायपूर्ण हैं। जगमोहन सिंह ने बताया कि किसानों को उचित मुआवजा, रोजगार और भूमि पुनर्वास की आवश्यकता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए।

किसानों की समस्याएँ और आशंकाएं

प्रभावित किसानों का कहना है कि परियोजना के कारण उनकी फसलें और जमीन प्रभावित हो रही हैं। कुछ किसानों ने अपनी व्यक्तिगत कठिनाइयों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें उचित मुआवजा नहीं मिला और उनकी आजीविका खतरे में है। धरने पर मौजूद किसानों ने यह भी कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आंदोलन को और व्यापक स्तर पर ले जाने के लिए तैयार हैं।

*मधु चौहान और सोनिया आनंद ने लखवाड़ बांध किसानों से मुलाकात की

राजनीतिक हलकों में प्रतिक्रिया

मधु चौहान और सोनिया आनंद के धरना स्थल पर पहुँचने से किसानों को काफी हौसला मिला है। स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक दलों की यह कोशिश है कि किसानों की समस्याओं को सुलझाया जाए और शांतिपूर्ण समाधान निकाला जा सके।

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धरना का भविष्य

धरना स्थल पर सैकड़ों किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रभावित किसानों ने स्पष्ट किया है कि उनकी 22 मांगों को सरकार द्वारा पूरा किए बिना धरना खत्म नहीं होगा। स्थानीय लोग भी धरना का समर्थन कर रहे हैं और प्रशासन से न्यायपूर्ण समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।

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