Sonbhadra News: पहली ही बारिश में ढही लाखों की पुलिया, ठोस निर्माण के दावे निकले खोखले

सरकार भले ही गांव-गांव तक विकास पहुंचाने के दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 30 June 2025, 6:26 PM IST

Sonbhadra: चोपन ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम पंचायत खरहरा टोला गौरघटी में हाल ही में बनी पुलिया पहली ही बारिश में धराशायी हो गई। ठोस और टिकाऊ निर्माण का दावा करने वाले जिम्मेदारों की लापरवाही अब ग्रामीणों के लिए मुसीबत का सबब बन गई है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बताया जा रहा है कि इस पुलिया का निर्माण महज तीन महीने पहले हुआ था। क्षेत्र में दर्जनों परिवारों के दैनिक आवागमन को देखते हुए इस पुलिया की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी। बारिश के मौसम में नहर का पानी बढ़ जाने के

ग्रामीणों में आक्रोश, ठेकेदार पर लगाए गंभीर आरोप

कारण ग्रामीणों का आना-जाना पूरी तरह से ठप हो जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए ग्राम प्रधान और ग्राम विकास अधिकारी द्वारा पुलिया निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। निर्माण पर लाखों रुपये खर्च किए गए, लेकिन बारिश की पहली ही बौछार में पुलिया का बड़ा हिस्सा ढह गया।

ग्रामीणों में आक्रोश, ठेकेदार पर लगाए गंभीर आरोप

क्षेत्रवासियों ने आरोप लगाया है कि पुलिया निर्माण के दौरान बेहद घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। सीमेंट, रेत और सरिया के मानक से कम गुणवत्ता वाले सामानों का उपयोग किया गया, जिसकी वजह से पुलिया पहली ही बारिश नहीं झेल सकी। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य के दौरान कई स्थानीय मजदूरों से काम करवाया गया, लेकिन आज तक उन्हें उनकी मजदूरी भी नहीं मिली। यह न केवल भ्रष्टाचार का मामला है, बल्कि श्रमिकों के साथ अन्याय भी है।

 

ग्रामीणों ने ठेकेदार और निर्माण में शामिल अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने यह भी मांग की है कि पुलिया का पुनर्निर्माण जल्द कराया जाए ताकि बरसात में आवाजाही बाधित न हो और लोगों को फिर से किसी मुश्किल का सामना न करना पड़े।

सरकार की छवि धूमिल कर रहे जिम्मेदार

ग्रामीणों का कहना है कि सरकार गांवों के विकास के लिए करोड़ों रुपये की योजनाएं चला रही है, लेकिन उन्हें जमीनी स्तर पर लागू करने वाले अधिकारी और पंचायत प्रतिनिधि भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। ऐसे मामलों से सरकार की छवि को भारी नुकसान पहुंचता है और जनता का भरोसा कमजोर होता है।

जांच की उठी मांग

स्थानीय ग्रामीणों और समाजसेवियों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है ताकि दोषियों को सजा मिले और भविष्य में ऐसे भ्रष्टाचार पर लगाम लग सके। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि न केवल पुलिया को दोबारा ठीक ढंग से बनाया जाए, बल्कि मजदूरों को भी उनका मेहनताना दिलाया जाए।

Location : 
  • Sonbhadra

Published : 
  • 30 June 2025, 6:26 PM IST