रायबरेली: जनपद में गौ सेवा आयोग के सदस्य रमाकांत उपाध्याय ने आज जनपद भ्रमण के दौरान अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल कोनहा डीह विकास खण्ड डीह, कान्हा उपवन परसदेपुर और अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल ममुनी विकास खण्ड सलोन का स्थलीय निरीक्षण किया। यहां पर उन्होंने गोवंशों को दिए जाने वाले हरे चारे, पानी, चिकित्सा व्यवस्था, बिजली, कूलर पंखे आदि की व्यवस्था देखी गईं। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया कि पशुओ को हीट वेव से बचाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था कराई जाए। इस अवसर पर उन्होंने ने कान्हा उपवन परसदेपुर में पौधरोपण भी किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार भ्रमण के दौरान उन्होंने ग्राम बढ़ई चक विकास खण्ड डीह में स्थित केले की आर्गेनिक (जैविक) खेती के उपक्रम का स्थलीय निरीक्षण किया गया। उन्होंने कहा कि केले के उत्पादन के लिए वैज्ञानिक पद्धति को भी अपनाया जाए।
इसके बाद जनपद स्तरीय गो संरक्षण एवं अनुश्रवण समिति की बैठक बचत भवन स्थित कलेक्ट्रट सभागर में हुईं। बैठक की अध्यक्षता रमाकांत उपाध्याय ने की।
बैठक में सदस्य गो सेवा आयोग ने गोआश्रय स्थलों में दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ अनिल कुमार ने सुविधाओं की विस्तृत जानकारी दी।
रमाकांत ने कहा कि गोशालाओं में हरा चारा मूलभूत आवश्यकता है। हरे चारे की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए एनजीओ का भी सहयोग लिया जाए। गोवंश को हीट वेव से बचने के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था रखी जाए। साथ ही समय-समय पर उनकी चिकित्साकीय जांच भी कराई जाए। आश्रय स्थलों पर कूलर पंखे लगाए जाएं।
उन्होंने ने कहा कि गाय का पौराणिक व वैज्ञानिक महत्व है। इस महत्व को बचाए रखने के गायों का संरक्षण आवश्यक है। गाय के गोबर और गोमूत्र का वैज्ञानिक तरीके से उपयोग किया जाए। जैविक खेती में गाय के गोबर का विशेष महत्व है। सभी गोशाला में कम्पोजित खाद बनाने की व्यवस्था अवश्य की जाए।
बैठक में जिला विकास अधिकारी अरुण कुमार,पीडी सतीश मिश्रा, सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों सहित खण्ड विकास अधिकारी उपस्थित रहे।
रमाकांत उपाध्याय ने इसके बाद पीडब्लूड़ी गेस्ट हाउस में गाय और प्राकृतिक खेती विभागीय अधिकारियों के साथ चर्चा की। इससे पहले उन्होंने डीह ब्लॉक में कोन्हाडीह,कान्हा गौशाला परशदेपुर और मामुनि गोशाला, सलोन आदि का औचक निरीक्षण कर गौशालाओं में सुविधाओं की जानकारी ली। उन्हें गौशालाओं में हरा-चारा, पानी, कूलर,विद्युत,चिकित्सा, साफ-सफाई आदि सुविधाए ठीक मिली।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में गोशालाओ की संख्या बढ़ रही है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हर घर मे गाय पहुँचना चाहिए। गाय हमारी संस्कृति और संस्कार का हिस्सा है। साथ है गैस प्लांट लगाकर प्राकृत खेती भी की जाए। दूध,घी के अलावा किसान को खेती का भी लाभ मिलना चाहिए। गाये दूध केवल कुछ वर्षों तक ही देती है परंतु गोवंश का लाभ खेती के साथ साथ पर्यावरण को भी मिलता है। गोबर और गोमूत्र का लाभ किसानों को मिलना चाहिए। किसानों के घर पर बायोगैस कि फैक्टरी लगेगी का प्रस्ताव चल रहा है इससे किसानों के गैस सिलेंडर का खर्चा बचेगा। खेत को यूरिया से मुक्ति मिलेगी। गाय के गोबर से पेंट बनाया जाएगा। गौ मूत्र और गोबर का महत्व लोगो को बताना है।
कैंसर जैसी बीमारी को रोकने की क्षमता गोमूत्र से संभव है। डब्लूएचओ की रिपोर्ट है कि कैंसर विश्व की आबादी के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है। गोमूत्र कैंसर जैसी बीमारी को रोकने की क्षमता रखता है। गाय से पर्यावरण की भी रक्षा होती होती। गाय का ग्लोबल महत्व है। इसका महत्व जन-जन तक पहुंचना चाहिए।
बैठक में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिल कुमार सहित पशु विभाग के कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

