Gorakhpur: नगर पंचायत गोला में वार्डों के नामकरण को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक ओर जहां बोर्ड की बैठक में वार्डों के नामकरण के प्रस्ताव पारित किए गए, वहीं दूसरी ओर नागरिकों में कुछ प्रस्तावों को लेकर गहरा असंतोष उभर कर सामने आ रहा है। खास तौर पर वार्ड नंबर 12 के नामकरण को लेकर नगरवासियों में जबरदस्त नाराजगी है।
जानकारी के अनुसार, वार्ड नंबर 12 के सभासद ने वार्ड का नाम अपनी दिवंगत सास “माता शारदा देवी” के नाम पर प्रस्तावित किया है। नागरिकों का आरोप है कि यह निर्णय पूरी तरह मनमाने ढंग से और बिना आम सहमति के लिया गया।
इस पर वार्ड के सैकड़ों निवासियों ने संयुक्त रूप से उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर कड़ी आपत्ति जताई है। लोगों का कहना है कि वार्डों के नामकरण का उद्देश्य नगर की ऐतिहासिक, धार्मिक या सामाजिक पहचान को सम्मान देना होता है, न कि किसी जनप्रतिनिधि या उसके परिजनों को बढ़ावा देना।
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स्थानीय नागरिकों ने कहा कि यह नामकरण न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि जनभावनाओं के भी विपरीत है। उनका कहना है कि किसी भी वार्ड का नाम किसी स्वतंत्रता सेनानी, महान विभूति या प्रसिद्ध स्थल के नाम पर रखा जाना चाहिए ताकि नई पीढ़ी को प्रेरणा मिल सके। परंतु किसी सभासद की पारिवारिक रिश्तेदारी के नाम पर वार्ड का नामकरण लोकतांत्रिक मर्यादाओं का खुला उल्लंघन है।
नगर के प्रबुद्ध नागरिकों और व्यापारियों ने भी इस निर्णय का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह कदम नगर में भेदभाव और विवाद को जन्म देगा। नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि विवादित प्रस्ताव को तत्काल निरस्त किया जाए और नामकरण की प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से, जनता की आम सहमति के साथ की जाए।
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इस विवाद ने नगर पंचायत गोला के माहौल को गर्मा दिया है। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रस्ताव वापस नहीं लिया गया, तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस विवाद पर क्या रुख अपनाता है—जनभावनाओं का सम्मान करेगा या प्रस्तावित नामकरण को यथावत रखेगा। फिलहाल नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है — “सभासद की सास के नाम पर वार्ड का नामकरण आखिर किस नियम के तहत।