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Fire in Sonbhadra Hospital: सीटी स्कैन विभाग में शॉर्ट सर्किट से धमाका, अस्पताल में मची अफरा-तफरी

यूपी के सोनभद्र जिला अस्पताल से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, सीटी स्कैन विभाग में लगे यूपीएस और बैटरी सिस्टम में जोरदार ब्लास्ट होने से हड़कंप मच गया। पढे़ं डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
Post Published By: सौम्या सिंह
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Fire in Sonbhadra Hospital: सीटी स्कैन विभाग में शॉर्ट सर्किट से धमाका, अस्पताल में मची अफरा-तफरी

सोनभद्र: जिला अस्पताल सोनभद्र के परिसर में स्थित सीटी स्कैन विभाग में मंगलवार सुबह उस समय अफरा-तफरी मच गई जब अचानक वहां लगे यूपीएस (UPS) और बैटरी सिस्टम में जोरदार ब्लास्ट के साथ आग लग गई। घटना सुबह करीब 10 बजे की है, जब सीटी स्कैन मशीन अपनी सामान्य कार्यप्रणाली में थी। सौभाग्यवश, इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन तकनीकी सिस्टम में आग लगने के कारण मशीन पूरी तरह ठप हो गई, जिससे जांच कराने आए मरीजों को बिना स्कैन कराए वापस लौटना पड़ा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया है। सीटी स्कैन यूनिट में मौजूद इंचार्ज मनोज कुमार ने समय रहते फायर एक्सटिंग्विशर की सहायता से आग पर नियंत्रण पाया और एक बड़ी दुर्घटना टल गई। उन्होंने बताया कि आग उस कक्ष में लगी जहां यूपीएस और बैटरी सिस्टम रखे गए थे। विस्फोट की आवाज इतनी तेज थी कि कुछ समय के लिए अस्पताल परिसर में हड़कंप की स्थिति बन गई थी।

सीटी स्कैन यूनिट में हुआ ब्लास्ट

घटना की सूचना मिलने पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. बी. सागर तुरंत अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बताया, सीटी स्कैन इंचार्ज की सतर्कता और तत्परता से समय पर आग पर काबू पा लिया गया। आग यूपीएस और बैटरी सिस्टम में शॉर्ट सर्किट के चलते लगी थी। फिलहाल सीटी स्कैन मशीन बंद कर दी गई है और तकनीकी मरम्मत के लिए बनारस से इंजीनियरों को तत्काल बुलाया गया है।

सीटी स्कैन विभाग में शॉर्ट सर्किट से हुआ ब्लास्ट

अस्पताल प्रशासन को दिए गए खास निर्देश

सीएमएस बी. सागर ने आगे बताया कि जब तक यूपीएस सिस्टम को ठीक नहीं किया जाता, तब तक सीटी स्कैन सेवा स्थगित रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द से जल्द सिस्टम को दुरुस्त कर सेवा पुनः शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही अस्पताल प्रशासन को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाएं फिर से न हो, इसके लिए तकनीकी उपकरणों की नियमित जांच और मेंटेनेंस पर विशेष ध्यान दिया जाए।

इस घटना के चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा, साथ ही अस्पताल प्रशासन की तकनीकी तैयारियों पर भी सवाल उठे हैं। हालांकि कर्मचारियों की तत्परता और फायर सेफ्टी उपकरणों की उपलब्धता के चलते एक बड़ी दुर्घटना टल गई।

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