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कांवड़ यात्रा के दौरान शराबबंदी की मांग, सामाजिक संगठन ने शुरू किया धरना प्रदर्शन, पढ़ें पूरी खबर

कांवड़ यात्रा के दौरान शराब की दुकानों पर रोक लगाने की मांग को लेकर मैनपुरी में हुए इस धरने और प्रदर्शन ने यह साफ कर दिया कि समाज में शराब के नशे के खिलाफ एक मजबूत आवाज उठ रही है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मांग पर कितना ध्यान देता है और शराबबंदी के लिए क्या कदम उठाता है।
Post Published By: Asmita Patel
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कांवड़ यात्रा के दौरान शराबबंदी की मांग, सामाजिक संगठन ने शुरू किया धरना प्रदर्शन, पढ़ें पूरी खबर

Mainpuri News: मैनपुरी में सावन माह के दौरान होने वाली कांवड़ यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं। वहीं इस यात्रा को लेकर युवाओं में खासा जोश और उत्साह देखने को मिल रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, इसी बीच, कांवड़ यात्रा के दौरान शराब की बिक्री पर रोक लगाने की मांग को लेकर आरबीएसएस सामाजिक संगठन ने आज कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय पर जोरदार धरना प्रदर्शन किया।

जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा

धरने में आरबीएसएस सामाजिक संगठन के आधा सैकड़ा से अधिक पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए। इन सभी ने मैनपुरी जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह से मुलाकात की और शराबबंदी के संबंध में एक ज्ञापन सौंपा। संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए यह मांग की कि उत्तर प्रदेश में शराब की बिक्री पर कांवड़ यात्रा के दौरान पूरी तरह से रोक लगाई जाए, ताकि युवाओं को शराब के नशे से बचाया जा सके और समाज में शांति कायम रहे।

शराबबंदी पर संगठन की राय

आरबीएसएस संगठन के पदाधिकारी संजीव कुमार ने बताया कि वे शराबबंदी अभियान के तहत यह प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना था आज हमारे देश में शराब का कारोबार बहुत तेजी से फैल रहा है। शराब के कारण युवा पीढ़ी का भविष्य खतरे में पड़ रहा है। जब युवा इस नशे का शिकार होते हैं, तो समाज और देश दोनों को नुकसान पहुंचता है। उन्होंने यह भी कहा कि शराब का धंधा समाज के लिए घातक साबित हो रहा है, और इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

महिलाओं की स्थिति पर चिंता

संगठन के पदाधिकारियों ने शराब के नशे से महिलाओं पर पड़ रहे प्रभाव पर भी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि शराब पीने के बाद जब पुरुष घर लौटते हैं, तो घर में झगड़े और परेशानियों का सामना महिलाओं को करना पड़ता है। इस वजह से घरों में अशांति का माहौल बनता है और महिलाओं का जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है। पदाधिकारियों ने कहा कि शराब के कारण न केवल युवा पीढ़ी प्रभावित हो रही है, बल्कि परिवार की महिलाएं भी मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान हो रही हैं।

देश के भविष्य के लिए शराबबंदी जरूरी

आरबीएसएस संगठन के सदस्यों ने यह भी कहा कि अगर देश की युवा पीढ़ी को बचाना है तो शराब की बिक्री पर कड़ा नियंत्रण होना चाहिए। उनका मानना था कि यदि युवा शराब के नशे में डूबे रहेंगे तो उनका भविष्य अंधकारमय हो जाएगा, जिससे देश की प्रगति भी रुक जाएगी।

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