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यूपी एसटीएफ की बड़ी कामयाबी: दो फर्जी सीबीआई अफसर दबोचे, रिटायर्ड वैज्ञानिक के साथ किया था यह कांड, जानें पूरा मामला

साइबर अपराधियों के खिलाफ एक बड़ा एक्शन यूपी एसटीएफ ने लिया है। ये दोनों उस गैंग के सदस्य हैं, जो लोगों को डिजिटल अरेस्ट में रखते हैं। एक सेवानिवृत्त वैज्ञानिक से करीब 1.29 करोड़ रुपये की ठगी इन अपराधियों ने की है।
Post Published By: Mayank Tawer
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यूपी एसटीएफ की बड़ी कामयाबी: दो फर्जी सीबीआई अफसर दबोचे, रिटायर्ड वैज्ञानिक के साथ किया था यह कांड, जानें पूरा मामला

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की एसटीएफ ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है, जो सीबीआई अधिकारी बनकर एक सेवानिवृत्त वैज्ञानिक से करीब 1.29 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके है। गिरफ्तार आरोपियों में प्रदीप कुमार सिंह और महफूज शामिल हैं। यह दोनों ठग लखनऊ में गिरफ्तार किए गए, जिनके पास से महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और क्रिप्टो वॉलेट संबंधित दस्तावेज बरामद हुए हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, ठगी की यह घटना उस समय की है जब बरेली के शुकदेव नंदी (भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान से सेवानिवृत्त वैज्ञानिक) को वाट्सएप कॉल के माध्यम से डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी दी गई। ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर शुकदेव नंदी से करीब तीन दिन तक लगातार संपर्क किया और उन्हें डराकर अलग-अलग बैंक खातों में 1.29 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए।

गैंग के 4 सदस्य पहले पहुंच चुके जेल

यह घटना 26 जून 2025 को बरेली साइबर क्राइम थाना में पंजीकृत कराई गई थी, जिसमें धारा 66डी आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसटीएफ की एक विशेष टीम को इस गैंग के खिलाफ जांच में लगाया गया। इस अपराध में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए एसटीएफ उत्तर प्रदेश ने अभिसूचना संकलन शुरू किया। 5 जुलाई 2025 को पहले ही इस गैंग के चार अन्य सदस्य गिरफ्तार हो चुके थे, जिनमें प्रदीप कुमार सिंह और महफूज फरार थे।

कैसे करते थे ठगी

एसटीएफ ने इकाना स्टेडियम के पास से प्रदीप कुमार सिंह और महफूज को गिरफ्तार किया। पूछताछ के दौरान प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि वह नारायणी इन्फ्राडेवलपर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं और इसी कंपनी के खाते का इस्तेमाल करके वह ठगी के पैसे मंगवा रहे थे। उनका कहना था कि उन्हें इसके बदले में कमीशन मिलता था। इस पैसे का लेन-देन क्रिप्टो वॉलेट और बाइनेंस एप के जरिए किया जाता था।

काफी समय से कर रहे थे यह अपराध

इसके अलावा महफूज ने भी स्वीकार किया कि उसने इंडियन बैंक में एक खाता खोला था और उसे फ्रॉड के पैसे मंगवाने के लिए कहा गया था। महफूज ने अब तक लगभग 9 लाख रुपये अपने खाते में ट्रांसफर होने की बात कबूली।

गिरफ्तार आरोपियों से बरामदगी

गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने 2 मोबाइल फोन, 2 पैन कार्ड, आधार कार्ड और क्रिप्टो वॉलेट से संबंधित दस्तावेज बरामद किए हैं। इन दस्तावेजों की जांच के बाद अन्य गैंग के सदस्यों की गिरफ्तारी और फॉरेंसिक जांच की प्रक्रिया शुरू की गई है। एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों के खिलाफ बरेली साइबर क्राइम थाने में धारा 318 (4), 319 (2), 308 (6), 61 (2), 111 बीएनएस और 66 डी आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इनके खिलाफ आगे की विधिक कार्रवाई स्थानीय पुलिस द्वारा की जाएगी।

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