World Soil Day 2024: 5 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है विश्व मृदा दिवस? जानें इससे जुड़ी अहम बातें

हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है विश्व मृदा दिवस….. लेकिन आपने कभी सोचा, यह क्यों मनाया जाता है? हम बता रहे हैं आपको डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 4 December 2024, 8:54 PM IST
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नई दिल्ली: हर साल 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य मिट्टी के संरक्षण, महत्व और उसके टिकाऊ उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। मिट्टी पृथ्वी पर जीवन का आधार है, क्योंकि यह खाद्य सुरक्षा, जैव विविधता और पर्यावरणीय संतुलन में अहम भूमिका निभाती है। हालांकि, मृदा क्षरण, प्रदूषण, और कटाव जैसी समस्याएं इसकी गुणवत्ता और उत्पादकता को प्रभावित कर रही हैं।

विश्व मृदा दिवस 2024 थीम 

विश्व मृदा दिवस 2024 का विषय है “मृदा की देखभाल: मापें, निगरानी करें, प्रबंधन करें।"

महत्व

मिट्टी हमारी कृषि, भोजन और जलवायु संतुलन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। दुनिया में लगभग 95% खाद्य पदार्थ मिट्टी पर निर्भर हैं। मृदा की उपजाऊ क्षमता को बनाए रखना खाद्य सुरक्षा और आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है। लेकिन मिट्टी के घटते स्वास्थ्य के कारण पर्यावरणीय असंतुलन, जैव विविधता में गिरावट, और कृषि उत्पादकता में कमी जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं।

विश्व मृदा दिवस पर जागरूकता अभियानों, कार्यशालाओं और चर्चाओं का आयोजन किया जाता है, ताकि टिकाऊ कृषि पद्धतियों और मृदा संरक्षण के उपायों को बढ़ावा दिया जा सके। भारत में "मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना" जैसी पहलें मृदा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए एक प्रमुख कदम हैं।

इतिहास

विश्व मृदा दिवस मनाने की शुरुआत थाईलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज़ की पहल पर हुई। 2002 में अंतर्राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ ने इसे मनाने का प्रस्ताव रखा। 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसे आधिकारिक मान्यता दी और 5 दिसंबर को राजा भूमिबोल के जन्मदिवस पर इसे मनाने की घोषणा की।

यह दिवस मिट्टी के महत्व को समझने और इसके संरक्षण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करता है। यह केवल किसानों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह मिट्टी का ध्यान रखे।

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