जानिये.. मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने का क्या है महत्व
मकर संक्रांति हिंदू के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। इस दिन घरों में विशेष रूप से खिचड़ी बनाई और खाई जाती है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़ें इस दिन लोग खिचड़ी क्यों खाते हैं और इसका क्या महत्व है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट..
नई दिल्ली: इस बार 14 और 15 दोनों दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन घरों में विशेष रूप से खिचड़ी बनाई जाती है और गुरु गोरखनाथ जी को चढ़ाई जाती है। इस पर्व को कई जगहों पर खिचड़ी का पर्व भी कहा जाता है।
इस दिन अलग अलग पकवानों के साथ खिचड़ी बनाने का खास महत्व होता है। कहा जाता है कि मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने से कुंडली में ग्रहों की स्थिती मजबूत होती है। इसलिए इस मौके पर चावल, काली दाल, नमक, हल्दी, मटर और सब्जियां डालकर खिचड़ी बनाई जाती है।
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दरअसल, चावल को चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है और उड़द की दाल को शनि का, हरी सब्जियां बुध से संबंध रखती हैं। इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि इस दिन नए अन्न की खिचड़ी खाने से पूरे साल आरोग्य मिलता है और सुख-समृद्धि भी मिलती है।
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मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनने की परंपरा को सबसे पहले बाबा गोरखनाथ ने शुरूकिया था। इस दिन लोग लोग खिचड़ी खाते हैं, साथ ही दूसरों को बांटते भी हैं। कहते हैं कि इस दिन दान करने का विशेष महत्व होता है, ऐसे में खिचड़ी बांटने से भी पुण्य मिलता है।