ईडी, सीबीआई जैसी एजेंसियां प्रश्नपत्र लीक मामलों में आरोपियों को पकड़ने में विफल क्यों : वडेट्टीवार

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने मंगलवार को जानना चाहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी ‘‘कुशल’’ केंद्रीय एजेंसियां सरकार द्वारा ली जाने वाली भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक मामले में शामिल लोगों को पकड़ने में विफल क्यों हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार


मुंबई: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने मंगलवार को जानना चाहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी ‘‘कुशल’’ केंद्रीय एजेंसियां सरकार द्वारा ली जाने वाली भर्ती परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक मामले में शामिल लोगों को पकड़ने में विफल क्यों हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक उन्होंने प्रश्नपत्र लीक की घटनाओं को लेकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार पर भी निशाना साधा और उससे इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा।

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता वडेट्टीवार ने एक बयान में पूछा, ‘‘तलाठी भर्ती मामले के बाद, मुंबई पुलिस और राज्य वन विभाग की भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक होने के मामले सामने आए हैं। ईडी और सीबीआई जैसी कुशल जांच एजेंसियां इसके लिए जिम्मेदार लोगों को पकड़ने में विफल क्यों हैं?’’

पिछले महीने, तकनीकी कारणों से महाराष्ट्र में तलाठी (पटवारी) की भर्ती के लिए आयोजित की जाने वाली एक परीक्षा में देरी हुई थी।

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी और अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गुट वाली राज्य सरकार की आलोचना करते हुए वडेट्टीवार ने आरोप लगाया, ‘‘ऐसा जान पड़ता है कि इस सरकार के गठन के लिए भारी रकम का इस्तेमाल किया गया। ऐसा लगता है कि परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक करना उनके अपने खजाने को भरने का एक नया तरीका है जो इस सरकार के गठन के दौरान खाली हो गया था।’’

उन्होंने दावा किया कि पिछले कुछ महीनों में संपन्न एक भी परीक्षा ऐसी नहीं रही, जिसका प्रश्नपत्र लीक नहीं हुआ हो।

राज्य के पूर्व मंत्री ने कहा, ‘‘राज्य सरकार को इस तरह की गड़बड़ियों पर रोक लगाने के लिए कुछ उपाय करने चाहिए और इन पदों के लिए नए सिरे से परीक्षा आयोजित करनी चाहिए।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार रोजगार की तलाश कर रहे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। उन्होंने कहा ‘‘यह सिलसिला जारी नहीं रहना चाहिए।’’

 










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