पुलवामा हमले में शहीद जवानों की वीरांगनाओं को लेकर सीएम गहलोत ने कही ये बातें

डीएन ब्यूरो

पुलवामा, 2019 हमले में शहीद हुए राजस्थान के तीन जवानों की वीरांगनाओं ने अनुकंपा के आधार पर अपने रिश्तेदारों को नौकरी देने सहित अपनी सभी मांगों पर राज्य की अशोक गहलोत नीत सरकार से लिखित आश्वासन मांगा है।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत


जयपुर: पुलवामा, 2019 हमले में शहीद हुए राजस्थान के तीन जवानों की वीरांगनाओं ने अनुकंपा के आधार पर अपने रिश्तेदारों को नौकरी देने सहित अपनी सभी मांगों पर राज्य की अशोक गहलोत नीत सरकार से लिखित आश्वासन मांगा है।

पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के तीन जवानों... रोहिताश लांबा, हेमराज मीणा और जीतराम गुर्जर... की विधवाएं पिछले 10 दिनों से शहीदों की प्रतिमाएं लगाने, अनुकम्पा के आधार पर परिजनों की नियुक्ति, उनके गांवों में सड़कों का निर्माण सहित अन्य मांगों के लेकर भाजपा के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा के साथ धरना प्रदर्शन कर रही हैं।

वीरांगनाएं सोमवार से पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के आवास के बाहर डेरा डाले हुए हैं और पिछले पांच दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं। चिकित्सकों के एक दल ने बृहस्पतिवार को अनशन पर बैठीं वीरांगनाओं के स्वास्थ्य की जांच की।

वीरांगनाएं मुख्यमंत्री गहलोत से मिलने और उनकी मांगों को पूरा करने का लिखित आश्वासन देने की मांग कर रही हैं।

प्रदर्शन कर रही वीरांगनाओं में से एक ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से कहा, ‘‘हम सरकार से लिखित आश्वासन चाहते हैं। मुख्यमंत्री को हमसे मिलना चाहिए ताकि हम उनके सामने अपनी बात रख सकें। साथ ही उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, जिन्होंने हमारे साथ मारपीट की।’’

वहीं, इन वीरांगनाओं की अनुकम्पा के आधार पर रिश्तेदारों को नौकरियां देने की मांग पर ट्वीट करके जवाब दिया। उन्होंने सवाल किया है, ‘‘हम शहीद के बच्चों के अधिकारों को रौंद कर किसी अन्य रिश्तेदार को नौकरी देने को कैसे जायज ठहरा सकते हैं? बड़े होने पर शहीद के बच्चों का क्या होगा? क्या उनके अधिकारों को कुचलना उचित है?’’

गहलोत ने अपने ट्वीट के साथ एक बयान का स्क्रीनशॉट भी साझा किया है जिसमें उन्होंने राज्य के भाजपा नेताओं पर ‘‘शहीदों की विधवाओं का उपयोग अपने संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए करने और उनका अपमान करने का आरोप लगाया है।’’

कांग्रेस नेता ने एक अन्य ट्वीट में दावा किया है, ‘‘भाजपा नेताओं ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को गलत जानकारी दी। मैंने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सही तथ्यों की जानकारी दे दी है।’’

इस बीच, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने पुलिस द्वारा वीरांगनाओं के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को संज्ञान लिया और राज्य के पुलिस महानिदेशक को इस मामले की जांच करने को कहा।

राष्ट्रीय महिला आयोग ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ‘‘एनसीडब्ल्यू, भारत ने संज्ञान लिया है। अध्यक्ष रेखा शर्मा ने राजस्थान के पुलिस महानिदेशक को व्यक्तिगत रूप से मामले को देखने और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ महिलाओं द्वारा लगाए गए दुर्व्यवहार और मारपीट के आरोपों की जांच करने के लिए लिखा है। एनसीडब्ल्यू को विस्तृत कार्रवाई सौंपी जाए।’’

वहीं, वीरांगनाओं के साथ पायलट के आवास के पास धरना दे रहे भाजपा सांसद मीणा ने कहा कि वह शहीदों की विधवाओं के साथ संघर्ष करते रहेंगे और खाली हाथ नहीं लौटेंगे।

मीणा ने आज संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘हम मर जाएंगे... हम बर्बाद हो जाएंगे लेकिन हम खाली हाथ नहीं लौटेंगे। मुख्यमंत्री को उनसे मिलना चाहिए।’’

राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा, ‘‘राज्यपाल संवैधानिक मुखिया होता है और उसने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। अगर वह (गहलोत) इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं तो इससे दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं है। यह मुख्यमंत्री की हठधर्मिता को दर्शाता है।''

गौरतलब है कि राठौड़ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के चार सदस्यीय जनप्रतिनिधि मण्डल ने बुधवार को राज्यपाल कलराज मिश्र से भेंट कर, पुलवामा शहीदों के परिजनों के समर्थन में ज्ञापन सौंपा था और उनसे 28 फरवरी, 2023 से धरने पर बैठी वीरांगनाओं की मांगों को अति शीघ्र पूरा किये जाने के संबंध में हस्तक्षेप करने की मांग की थी।

इसपर राज्यपाल ने गहलोत को पत्र लिखकर नियमों के दायरे में रहते हुए इस मामले का हल निकालने को कहा था।

वहीं, मंगलवार को राजस्थान सरकार के दो मंत्रियों- प्रताप सिंह खाचरियावास और शकुंतला रावत ने वीरांगनाओं से मिलकी उनकी मांगें सुनीं।

वहीं, मंगलवार देर रात मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट किया था, ‘‘भाजपा के कुछ नेता अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए शहीदों की वीरांगनाओं का इस्तेमाल कर उनका अनादर कर रहे हैं। यह कभी भी राजस्थान की परम्परा नहीं रही है। मैं इसकी निंदा करता हूं।’’

गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले के शहीदों की विधवाएं कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की मांग भी कर रही हैं।

 










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