यूपी निकाय चुनावों पर हाईकोर्ट से फैसला आज, सरकार ने दाखिल किया जवाब, फंसेगा पेच या मिलेगी हरी झंडी? पढ़िये ये अपडेट
उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव के नोटिफिकेशन को लेकर आज फैसले का दिन है। आज चुनाव में आरक्षण को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर सभी की निगाहें टिकी हुई है। इस मामले को लेकर डाइनामांइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़िये बड़े अपडेट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के निकाय चुनावों में आरक्षण का पेच फंसा हुआ है। इस पेच के कारण अभी तक निकाय चुनावों की तिथियों का ऐलान और नोटिफिकेशन जारी नहीं हो सका है। जबकि सरकार समेत सभी राजनीतिक दल और संभावित उम्मीदवार चुनाव लड़ने की जोरदार तैयारियों में जुटटे हुए हैं। निकाय चुनाव के नोटिफिकेशन को लेकर आज फैसले का दिन है। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आज मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुनाया जा सकता है। इसलिये सभी की निगाहें हाई कोर्ट पर टिकी हुई है।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आरक्षण को लेकर कोर्ट में कल सोमवार को जवाब दाखिल किया जा चुका है। कोर्ट अगर याचिकाकर्ताओं के हक में फैसला देता है तो फिर चुनाव कुछ महीने के लिए टल सकता है, लेकिन कोर्ट यदि सरकार के जवाब से सहमत होता है तो फिर निकाय चुनाव को आज ग्रीन सिग्नल मिल सकता है, जिसके बाद निकाय चुनाव की तिथियों का ऐलान हो सकता है।
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डाइनामाइट न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक कोर्ट में दाखिल जवाब में सरकार ने 2017 में हुए ओबीसी के सर्वे को आरक्षण का आधार माना है। राज्य सरकार इसी आधार पर नगर निकाय में सीटों का आरक्षण भी जारी कर चुकी है। यदि कोर्ट सरकार के इस आधार को मानता है तो हाल में जारी सीटों का आरक्षण यथावत रह सकता है। यदि इसमें फेरबदल होता है तो जारी किया गया सीटों का आरक्षण भी बदल सकता है।
बता दें कि यूपी में नगर निकायों का कार्यकाल 12 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच समाप्त हो रहा है। इस बार 760 नगरीय निकायों में चुनाव होना है। इसके लिये प्रदेश के नगर निगमों के मेयर, नगर पालिका परिषद एवं नगर पंचायतों के अध्यक्ष और पार्षदों के लिये चुनाव होना है।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट में नगर निकाय चुनाव में ओबीसी को उचित आरक्षण का लाभ दिए जाने और सीटों के रोटेशन के मुद्दों को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई। इसी याचिका के कारण मामला अभी तक फंसा हुआ है।