UP Panchayat Election: पंचायत चुनाव में आरक्षण पर संशय बरकरार, सुप्रीम कोर्ट में अभी नहीं होगी सुनवाई, जानिये पूरा मामला

उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर संशय अभी बरकरार है। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई में अभी वक्त लग सकता है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 22 March 2021, 7:04 PM IST
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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव में आरक्षण का मामले को लेकर अभी संशय बरकरार है। दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा दिये गये फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई में अभी और वक्त लग सकता है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में तकनीकी खामियां पाये जाने के कारण इस पर सुनवाई अभी अटक गई है। जिससे उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण का मामला कानूनी आधार पर लंबा खिंचता दिखाई दे रहा है। 

बता दें कि यूपी में पंचायत चुनाव में आरक्षण को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आरक्षण का आधार वर्ष 2015 करने का आदेश दिया गया था। इसके साथ ही पंचायत चुनाव में आरक्षण की रोटेशन पालिसी को लागू करने का निर्देश दिया गया था।  इसी फैसले के साथ ही न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी व न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने राज्य में 25 मई तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न कराने के आदेश भी पारित किए।

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा दिये गये उक्त फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के 15 मार्च को दिये उस फैसले को चुनौती दी गई है। लेकिन तकनिकी खामियों के कारण सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में अभी थोड़ा वक्त लगने की संभावना है। 

नियमों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी की तकनीकी कमियों को दूर करने के बाद ही मामले को किसी सुप्रीम कोर्ट के जज की बेंच में सुनवाई के लिए लगाया जा सकता है। ऐसे में साफ है कि याचिका की तकनीकि पक्ष की खामियों को दूर करने के बाद ही अब इस पर सुनवाई हो सकती है।