UP Panchayat Election: पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर दाखिल याचिका हाई कोर्ट से खारिज, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप से इन्कार कर दिया था। अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी इस तरह की एक याचिका को खारिज कर दिया है। पढिये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

हाई कोर्ट से याचिका खारिज
हाई कोर्ट से याचिका खारिज


प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप से इन्कार कर दिया था। अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी आरक्षण को लेकर दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान की सीट आरक्षित करने के खिलाफ दाखिल की गई थी याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।

यह भी पढ़ें: UP Panchayat Election: भाजपा ने घोषित किये गोरखपुर जिले में जिला पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशी, देखिये लिस्ट

यह भी पढ़ें | UP Panchayat Election: पंचायत चुनाव घोषित न होने से इलाहाबाद हाई कोर्ट नाराज, निर्वाचन आयोग को सख्त हिदायत, कहा- इस तय तिथि तक हों चुनाव

गोरखपुर जिले के परमात्मा नायक व दो अन्य की याचिका पर न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की खंडपीठ ने आज सुनवाई की। अवकाश का दान होने के बावजूद भी मुख्य न्यायाधीश के आदेश पर स्पेशल कोर्ट ने सुनवाई कर याचिका को खारिज कर दिया।  

यह भी पढ़ें: UP Panchayat Election: यूपी पंचायत चुनाव में गड़बड़ी और हिंसा को रोकने के लिये प्रशासन ने दिया ये अल्टीमेटम 

यह भी पढ़ें | UP Panchayat Election 2021: पढिये, यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कार्यक्रम की अधिसूचना से जुड़ा यह बड़ा अपडेट

याचिका में कहा गया था कि गोरखपुर जिले में कोई भी अनुसूचित जनजाति का व्यक्ति नहीं है। इसके बावजूद सरकार ने 26 मार्च 2021 को जारी आरक्षण सूची में चावरियां बुजुर्ग, चावरियां खुर्द व महावर कोल ग्रामसभा सीट को आरक्षित घोषित कर दिया है, जो कि संविधान के उपबंधों का खुला उल्लंघन है। याचिका में आरक्षण के रिकार्ड तलब कर रद्द करने और याचियों को चुनाव लड़ने की छूट दिये जाने की मांग भी की गई थी। 

राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि पंचायत चुनाव की अधिसूचना राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी कर दी गई है। संविधान के अनुच्छेद 243ओ के अनुसार चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद कोर्ट को चुनाव में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। याचिका पर आपत्ति को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।










संबंधित समाचार