UP Panchayt Election: जानिये यूपी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में इस बार कैसे लागू होगी आरक्षण की व्यवस्था?

डीएन ब्यूरो

यूपी त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए अधिसूचना शीघ्र जारी होने वाली है। इस बार इन चुनावों आरक्षण को लेकर काफी कुछ टिका हुआ है। डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट में जानिये चुनाव में आरक्षण की व्यस्था

पंचायत चुनावों की अधिसूचना जल्द होगी जारी
पंचायत चुनावों की अधिसूचना जल्द होगी जारी


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में इन दिनों सरकार से लेकर आम आदमी और सभी राजनीतिक पार्टियां राज्य में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारी में जुटे हुए हैं। हालांकि, चुनाव में आरक्षण को लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं है और इसके लिये शासनादेश का इंतजार किया जा रहा है। लेकिन यह स्पष्ट है कि इस बार यूपी में होने वाले पंचायत चुनावों में आरक्षण बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। आरक्षण को लेकर इस बात की भी पूरी संभावना जाताई जा रही है कि इस बार इन चुनावों में आरक्षण की व्यवस्था चक्रानुक्रम में ही लागू हो सकती है या फिर कोई नया फार्मूला भी निकाला जा सकता है।

पंचायत चुनाव लड़ने वाले संभावित प्रत्याशी आरक्षण को लेकर पंचायती राज विभाग से विस्तृत शासनादेश का इंतजार कर रहे है। आरक्षण की स्थिति को समझकर संभावित प्रत्याशियों को चुनावी तैयारियां करने में काफी फायदा होता है। आरक्षण के कारण जीत-हार का फार्मूला भी बदल जाता है। पंचायत चुनावों में आरक्षण को लेकर विभागीय जानकारों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में इस बार भी 2010 एवं 2015 की तरह चक्रानुक्रम के अनुसार भी आरक्षण का निर्धारण हो सकता है।

चक्रानुक्रम व्यस्था के अलावा ऐसा भी माना जा रहा है कि इस बार चुनाव में नई आरक्षण व्यवस्था के तहत कई गांवों में पहली बार अनुसूचित जाति (एससी) एवं अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के प्रधान चुने जा सकते हैं। ऐसे गांव, जहां 1995 से लेकर 2015 तक कोई भी सीट एससी या ओबीसी नहीं रही, उन्हें इस बार उसका फायदा मिल सकता है। बताया जाता है कि जो गांव कभी एससी नहीं रहे हैं, इस बार उन्हें एससी किया जा सकता है।

इसी तरह जिन गांवों में ओबीसी आरक्षण नहीं रहा, उन गांवों में ओबीसी के तहत सीटों को आरक्षित किया जा सकता। इसके अलावा गांवों और पंचायतों की आबादी के अनुसार भी सामान्य तरीके से आरक्षण की व्यवस्था लागू की जा सकती है। 










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