

गोरखपुर एयरपोर्ट की सभी उड़ानें प्रभावित हुई हैं, जिससे यात्रियों को अत्यधिक असुविधा का सामना करना पड़ा है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
गोरखपुर: लेह में हुई भारी बर्फबारी का प्रतिकूल प्रभाव गोरखपुर एयरपोर्ट पर पड़ा है, जहां कई उड़ानें खराब मौसम के कारण प्रभावित हुईं हैं। इस स्थिति ने यात्रियों को लंबा इंतजार करने के लिए मजबूर कर दिया। मुंबई से गोरखपुर आ रही इंडिगो की फ्लाइट को एप्रन में जगह न मिलने के कारण आउटर टैक्सी वे पर ही रोके रखना पड़ा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवादाता के अनुसार, गुरुवार को गोरखपुर एयरपोर्ट पर मुंबई से आ रही इंडिगो की उड़ान को एप्रन में जगह न मिलने के कारण आउटर टैक्सी वे पर रोक दिया गया। इस फ्लाइट में सवार सांसद रवि किशन समेत सभी यात्री करीब आधे घंटे तक विमान में ही बैठे रहे।
बता दें कि, गोरखपुर एयरपोर्ट पर उपलब्ध फ्लाइट पार्किंग की कम क्षमता भी इस समस्या का एक बड़ा कारण रही है। वर्तमान में एयरपोर्ट पर केवल दो विमानों की पार्किंग की क्षमता है, जिसमें एक छोटा और एक बड़ा विमान खड़ा किया जा सकता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि जब एक विमान एप्रन पर खड़ा होता है, तो अन्य विमानों को 40 से 50 मिनट तक वेटिंग में रहना पड़ता है, जो यात्रियों के लिए अत्यधिक असुविधाजनक है।
इन फ्लाइटों की उड़ान में हुई देरी
वहीं, बर्फबारी के कारण दिल्ली जाने वाली आकासा एयर की उड़ान में भी दो घंटे की देरी हुई। मुंबई से गोरखपुर आने वाली इंडिगो की फ्लाइट की उड़ान लगभग 1.5 घंटे देर से, यानी कि सुबह 7:30 बजे हुई। अन्य उड़ानों में भी देरी का सिलसिला जारी रहा। जैसे कि दिल्ली से आने वाली इंडिगो फ्लाइट में 45 मिनट, बेंगलुरु से आने वाली आकासा एयर फ्लाइट में 2 घंटे 15 मिनट, और कोलकाता से आने वाली उड़ान में 1 घंटे 10 मिनट की देरी हुई।
एयरपोर्ट पर फ्लाइट पार्किंग की समस्या को देखते हुए सदर सांसद रवि किशन शुक्ला ने एयरपोर्ट के एप्रन एक्सटेंशन कार्य का निरीक्षण किया और एयरपोर्ट प्रबंधन से चर्चा कर कार्य की प्रगति और यात्रियों को हो रही असुविधाओं के बारे में जानकारी ली। सांसद ने आश्वासन दिया कि एप्रन का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और इसके पूर्ण होने के बाद चार विमानों के खड़े होने की व्यवस्था होगी, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
एयरपोर्ट प्रबंधन ने यह भी बताया कि नए एप्रन के निर्माण के बाद एयरलाइन कंपनियां आसानी से विमानों की पार्किंग की व्यवस्था कर सकेंगी और उड़ानें समय पर संचालित हो सकेंगी।