यूजीसी का सभी विश्वविद्यालयों को खास निर्देश, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश के उच्च शिक्षण संस्थानों से कहा है कि राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) के बारे में शोधकर्ताओं, शिक्षकों और छात्रों को जानकारी दी जाए ताकि वे इससे लाभ प्राप्त कर सकें। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देश के उच्च शिक्षण संस्थानों से कहा है कि राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) के बारे में शोधकर्ताओं, शिक्षकों और छात्रों को जानकारी दी जाए ताकि वे इससे लाभ प्राप्त कर सकें।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यूजीसी के सचिव मनीष जोशी ने 21 जून को सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, सभी कालेजों/ संस्थानों के प्राचार्यों को लिखे पत्र में यह आग्रह किया।

पत्र में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) को मंजूरी दी थी। वर्ष 2023-24 से 2030-31 तक की अवधि तक चलने वाले इस मिशन पर 6003.65 करोड़ रुपये की लागत आयेगी। इस मिशन का लक्ष्य क्वांटम प्रौद्योगिकी (क्यूटी) के क्षेत्र में वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास पर ध्यान देना और इस क्षेत्र में देश में अनुकूल माहौल तैयार करना है।

इसमें कहा गया है कि इस मिशन में सुपरकंडक्टिंग और फोटोनिक तकनीक जैसे विभिन्न प्लेटफार्मों में आठ वर्षों में 50-1000 भौतिक क्यूबिट की क्षमता वाला मध्यवर्ती स्तर का क्वांटम कंप्यूटर विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।

जोशी ने अपने पत्र में कहा कि भारत में 2000 किलोमीटर की सीमा में जमीनी स्टेशनों के बीच उपग्रह आधारित सुरक्षित क्वांटम संचार, अन्य देशों के साथ लंबी दूरी का सुरक्षित क्वांटम संचार, 2000 किलोमीटर से अधिक के दायरे में अंतर-शहरी (इंटरसिटी) ‘क्वांटम के’ वितरण के साथ-साथ क्वांटम मेमोरी से लैस बहु आयामी क्वांटम नेटवर्क तैयार करना भी इस मिशन के अन्य अहम पहलू हैं।

इसमें कहा गया है कि यह मिशन संचार और नौवहन सुगमता के लिए परमाणु प्रणालियों और परमाणु घड़ियों में उच्च संवेदनशीलता से लैस मैग्नेटोमीटर विकसित करने में मदद करेगा। यह क्वांटम उपकरणों के निर्माण के लिए सुपरकंडक्टर, नवीन सेमीकंडक्टर संरचनाओं और सांस्थितिक (टोपोलॉजिकल) सामग्रियों आदि के डिजाइन और संश्लेषण में भी सहायता करेगा।

इसके तहत क्वांटम संचार, संवेदन और मौसम विज्ञान संबंधी अनुप्रयोगों के लिए फोटॉन स्रोत भी विकसित किए जायेंगे।

पत्र के अनुसार, इसके तहत शीर्ष शैक्षणिक और राष्ट्रीय अनुसंधान एवं विकास संस्थानों में चार विषयगत केन्द्र (टी-हब) स्थापित किए जायेंगे जो मौलिक एवं अनुप्रयुक्त अनुसंधान के माध्यम से नए ज्ञान एवं जानकारी के सृजन पर ध्यान केन्द्रित करेंगे।

यूजीसी के सचिव ने विश्वविद्यालयों एवं कालेजों को लिखे पत्र में कहा है, ‘‘उच्च शिक्षण संस्थानों से आग्रह किया जाता है कि वे राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (एनक्यूएम) के बारे में शोधकर्ताओं, शिक्षकों और छात्रों को जानकारी दें ताकि वे इससे लाभ प्राप्त कर सकें।’’










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