यूपी एसटीएफ ने ट्रकों के चेसिस व इंजन नंबर बदलकर धोखाधड़ी करने वाले गैंग का किया भंडोफोड़, जानिये कैसे करते थे काले कारनामे

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एक ऐसे अंतर्राज्यीय गैंग का पर्दाफाश किया है, जो ट्रकों के चेसिस व इंजन नंबर बदलकर बड़ी धोखाधड़ी में संलिप्त थे। एसटीएफ ने इस गैंग के दो सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है। पढ़िये पूरी रिपोर्ट



लखनऊ: यूपी एसटीएफ ने एक ऐसे अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो ट्रकों के चेसिस नंबर व इंजन नंबर बदलकर लंबे समय से बड़ी धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे। यह गिरोह ट्रकों के चेसिस नंबर व इंजन नंबर बदलकर दलालों की मदद से ट्रकों के फर्जी व कूटरचित  कागजात तैयार करवाता था और मार्केट में इन ट्रकों को बेचकर मोटा लाभ कमाता था। गिरफ्तार आरोपियों के पास से बड़ी संख्या में कूटरचित कागजात, कई ट्रकों के इंजन व चेसिस नंबर की प्लेट्स समेत फर्जी दस्तावेज बरामद किये गये। 

यूपी एसटीएफ ने इस फर्जीवाड़े में गौतम सिंह पुत्र भानूप्रताप सिंह निवासी थाना बेवर, जनपद मैनपुरी और राघवेंद्र पुत्र नेत्रपाल सिंह, निवासी थाना एत्मदौला, जनपद आगरा को गिरफ्तार किया है। दोनों अभियुक्तों की गिरफ्तारी आगरा से की गई। एक आरोपी मौके से पुलिस को चकमा देकर फरार होने में सफल रहा, जिसकी गिरफ्तारी के लिये दबिश दी जा रही हैं।

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जानकारी के मुताबिक यूपी एसटीएफ मुख्यालय समेत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ को टर्कों के पंजीकरण में हेराफेरी करने और बाजार में उन्हें बेचने की शिकायतें मिली थी। इस गैंग के पर्दाफाश के लिये पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार के नेतृत्व में एक टीम की गठन किया गया। एसटीएफ की टीम को मुखबिर से एक सूचना मिली कि कुछ लोग आगरा के एत्मदौला थाना क्षेत्र के शाहदरा चुंगी में गिरीश अग्रवाल के आहते में ट्रकों के नंबर, चेसिस व इंजन नंबर मिटाकर दूसरे चेसिस व इंजन नंबर लगा रहे हैं। 

मुखबिर की उक्त सूचना पर पुलिस टीम ने शाहदरा चुंगी में गिरीश अग्रवाल के आहते में दबिश दी और दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया। इस दौरान एक अभियुक्त मौके से चकमा देकर भाग निकला। गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि वह उन ट्रकों को निशाना बनाते हैं, जो लोन की किश्तें देने में डिफाल्ट हो चुके हैं। वह ऐसे ट्रकों को कम कीमतों में खरीदते हैं और उन पर अंकित चेसिस नंबर आदि को मिटाकर नये चेसिस नंबर आदि डालते हैं। इस काम में जयपुर, राजस्थान स्थित आरटीओ के दलालों की मदद ली जाती है। दलालों की मदद से इन ट्रकों पर दूसरे रजिस्ट्रेशन और चेसिस नंबर टंकित किये जाते हैं। जिसके बाद इन ट्रकों को मार्केट में अच्छे दामों पर बेचा जाता है। 

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इस पूरे गिरोह में लगभग एक दर्जन लोग जुड़े है, जो उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से डिफाल्ट किश्त वालों ट्रकों को लेकर आगरा आते हैं और उन पर नये चेसिस प पंजीकरण नंबर टंकित करते हैं। पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी में जुटी हुई है। गैंग के गिरफ्तार सदस्यों के खिलाफ आगे की कार्रवाई जारी है।  










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