बुल्डोजर एक्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले की देश भर के मीडिया में जबरदस्त कवरेज

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश में बुल्डोजर के अवैध एक्शन के खिलाफ वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश की स्वत: संज्ञान याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले की देश भर की मीडिया ने जबरदस्त कवरेज की है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट



नई दिल्ली: देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली तीन जजों की खंडपीठ ने वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश की याचिका पर बुधवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा सुनाये गये इस फैसले को देश भर की मीडिया में जबरदस्त कवरेज मिली। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित और प्रसारित किया।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पांच साल पहले 13 सितंबर 2019 को यूपी के महराजगंज जिले में वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश के पैतृक मकान को बुलडोजरों से बिना विधिक प्रक्रिया के गिराने जाने के मामले में यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया। 

यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले पर याचिकाकर्ता और वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश की प्रतिक्रिया

देश के चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली तीन जजों की अदालत में इस मामले की सुनवाई करीब 1 घंटे 40 मिनट तक चली।  

यह भी पढ़ें: बुलडोजर एक्शन में सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: अवैध तरीके से गिराया वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल आकाश का पैतृक मकान, 25 लाख का दंडात्मक मुआवजा और दोषी अफसरों के खिलाफ क्रिमिनल और विभागीय कार्रवाई का आदेश

डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़िये देश भर की मीडिया ने इस फैसले को किस तरह प्रकाशित और प्रसारित किया। इसके साथ ही आप ये भी जान सकते हैं कि अखबारों, चैनलों और ऑनलाइन मीडिया ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर क्या कुछ लिखा। 

India Today की रिपोर्ट:  Supreme Court raps UP for illegal demolition: You can't bulldoze overnight

सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुधवार दोपहर लगभग 1 बजे इस मामले में फैसला देने के शीघ्र बाद ही मीडिया में इसकी रिपोर्टिंग और कवरेज शुरू होने लगी थी और शाम होते-होते सभी मुख्य चैनलों और मीडिया प्लेटफॉर्म्स यह खबर सबसे बड़ी खबर बन चुकी थी। 

Hindustan Times की रिपोर्ट: SC condemns unlawful demolitions, issues guidelines for road widening projects -

खास बात ये है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम आने और डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा यूएस प्रेसीडेंट बनने की खबरों के बावजूद भी मनोज टिबड़ेवाल आकाश की याचिका पर आये शीर्ष अदालत का यह लैंडमार्क जजमेंट को देश भर की मीडिया की सुर्खियों में बना रहा।

The Hindu की रिपोर्ट: Supreme Court slams U.P. authorities for demolishing Maharajganj district houses in 2019

शीर्ष अदालत के फैसले को देश के दैनिक समाचार पत्रों ने भी गुरूवार को प्रमुखता से प्रकाशित किया। देश के सभी अखबारों में ये खबर पहले पृष्ठ पर प्रकाशित हुई। प्रथम पृष्ठ के आलावा अलावा अख़बारों ने आंतरिक पृष्ठों पर भी इस खबर को अलग-अलग एंगल से प्रकाशित किया। 

Times of India की रिपोर्ट: ’You can't come with bulldozers and demolish houses overnight': SC tells UP government-

सभी मीडिया प्लेटफार्म्स ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को देश के नजीर बताया।

यह भी पढ़ें | बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की योगी सरकार को बड़ी फटकार

The Indian Express की रिपोर्ट: Supreme Court raps UP Govt for demolition of house, orders Rs 25 lakh compensation: ‘this is lawlessness

इस ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के मुख्य सचिव को आदेश दिया कि याचिकाकर्ता मनोज टिबड़ेवाल आकाश को तत्काल 25 लाख रुपये का दंडात्मक मुआवजा दें। 

Bar And Bench की रिपोर्ट: Supreme Court slams UP for illegal demolition of house, orders ₹25 lakh compensation

साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि एक महीने के अंदर जांच कराकर समस्त दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्रिमिनल और विभागीय दंडात्मक कार्रवाई कर सुप्रीम कोर्ट को अवगत करायें। 

Live Law की रिपोर्ट: ‘You Can't Bulldoze Houses Overnight' : Supreme Court Directs UP Govt To Pay Rs 25 Lakhs Interim Compensation For Illegal Demolition

सर्वोच्च अदालत ने देश भर के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया है कि जहां कहीं भी बुलडोजर कार्यवाही होगी वहां पर आज के आदेश का सख्ती से पालन करना होगा। मनमानी कर किसी का मकान देश में नहीं गिराया जा सकता। 

टीवी 9 की रिपोर्ट: बुलडोजर से जिसका घर तोड़ा उसे 25 लाख दीजिए…सुप्रीम कोर्ट का योगी सरकार को आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को सड़क या किसी तरह के सार्वजनिक निर्माण या अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी मकान को गिराने से पहले सभी कानूनी प्रकियाओं का पालन करने का आदेश दिया। 

ईटीवी भारत की रिपोर्ट: सड़क चौड़ी करने के लिए घर पर चला दिया बुलडोजर; सुप्रीम कोर्ट की योगी सरकार को कड़ी फटकार, 5 अफसरों के खिलाफ जांच के आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति में डिमार्केशन करने के साथ ही मकान मालिकों नोटिस और अन्य जानकारी भी समय पर देनी जरूरी है।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट: बुलडोजर एक्शन, SC बोला- रातों-रात घर नहीं गिरा सकते:यूपी सरकार को फटकार लगाई; पीड़ित को 25 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला देश के वरिष्ठ पत्रकार और याचिकाकर्ता मनोज टिबड़ेवाल आकाश की उस याचिका पर दिया, जिसका सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। 

News 18 की रिपोर्ट: CJI बोले- यह आपकी अराजकता, मनमानी है... योगी सरकार को बुलडोजर एक्‍शन पर 'सुप्रीम फटकार'

मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने अवैध तरीके से उनका मकान गिराये जाने के खिलाफ देश की सर्वोच्च अदालत में एक पत्र के माध्यम से शिकायत दायर की थी, जिसका सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया। 

यह भी पढ़ें | बुलडोजर आतंक के शिकार लोगों में जगी उम्मीद की किरण, देशभर से फोन आ रहे हैं मनोज टिबड़ेवाल आकाश के पास

आज तक की रिपोर्ट: 'ये मनमानी और अराजकता...', बिना नोटिस मकान तोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट की यूपी सरकार को फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने मनोज टिबड़ेवाल आकाश की शिकायत को सही ठहराते हुए कहा कि मकान को अवैध तरीके से गिराया गया।

दैनिक जागरण की रिपोर्ट: 'बुलडोजर लेकर रातोंरात घर नहीं तोड़ सकते', उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार

इस मामले पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने सरकार के वकील से पूछा कि आप कहते हैं कि वह 3.7 वर्गमीटर का अतिक्रमणकर्ता था। हम इसे सुन रहे हैं, लेकिन आप इसका कोई प्रमाण पत्र नहीं दे रहे है।  

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट: बुलडोजर लेकर आएं और रातों रात बिल्डिंग्स को गिरा दें... सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को क्यों सुनाई खरी-खरी

सीजेआई ने सरकार के वकील से कहा कि आप इस तरह लोगों के घरों को कैसे तोड़ना शुरू कर सकते हैं? किसी के घर में घुसना अराजकता है।

यूपी तक की रिपोर्ट: यूपी में हुए इस बुलडोजर एक्शन पर भड़का सुप्रीम कोर्ट, जिसका घर गिराया गया उसे 25 लाख रुपये देने को कहा

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि यह पूरी तरह से मनमानी है। उचित प्रक्रिया का पालन कहां किया गया है? हमारे पास हलफनामा है, जिसमें कहा गया है कि कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था। 

जनसत्ता की रिपोर्ट: ‘आप सिर्फ ढोल बजाकर लोगों से घर खाली करने और उन्हें ध्वस्त करने के लिए नहीं कह सकते’, सुप्रीम कोर्ट की UP सरकार को फटकार; 25 लाख मुआवजा दिलवाया

आप केवल साइट पर गए थे और लोगों को सूचित किया था। हम इस मामले में दंडात्मक मुआवजा देने के इच्छुक हो सकते हैं। क्या इससे न्याय का उद्देश्य पूरा होगा?

पत्रिका की रिपोर्ट: बुलडोजर से तोड़ा गया था जिनका घर उन्हें मिलेंगे 25 लाख, योगी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार

जस्टिस जेबी पारदीवाला ने सरकार के वकील से कहा कि आपके यह कहने का आधार क्या है कि यह अनाधिकृत था? आपने 1960 से क्या किया है? पिछले 50 साल से क्या कर रहे थे? 

लाइव लॉ की रिपोर्ट: 'आप रातों-रात घरों पर बुलडोजर से नहीं चला सकते': सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को अवैध तोड़फोड़ के लिए 25 लाख रुपये अंतरिम मुआवज़ा देने का निर्देश दिया

जस्टिस जेबी पारदीवाला ने सख्त लहजे में कहा कि बहुत अहंकारी, राज्य को एनएचआरसी के आदेशों का कुछ सम्मान करना होगा। आप चुपचाप बैठे हैं और एक अधिकारी के कार्यों की रक्षा कर रहे हैं।










संबंधित समाचार