

पर्यावरणविदों का मानना है कि वन क्षेत्र में इजाफा कर और नदियों के संरक्षण के जरिये ग्लोबल वार्मिंग के गंभीर खतरे का असर कम किया जा सकता है। पढिये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
जौनपुर: पर्यावरणविदों का मानना है कि वन क्षेत्र में इजाफा कर और नदियों के संरक्षण के जरिये ग्लोबल वार्मिंग के गंभीर खतरे का असर कम किया जा सकता है।
विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने कहा कि वैश्विक स्तर पर निरंतर बढ़ रहे तापमान को हम इन्ही पेड़- पौधों के जरिये नियंत्रित कर सकते हैं। आबादी का घनत्व और संसाधनों की उपलब्धता आज बढ़ रही है।
मानव बस्तियों के निरंतर विस्तार के चलते वन क्षेत्र कम हो गये हैं जिससे पर्यावरण असंतुलित हो गया है। इसी असंतुलन के चलते जीव,जंतु और वनस्पति की कई प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं। हम सभी आज पौध रोपित कर कल सुखद भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। (वार्ता)
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