वृक्ष भी करते हैं प्रवास, दूसरे प्राणियों की तुलना में लेते हैं काफी अधिक समय, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

एक ओर यह सच है कि एक स्थान पर खड़ा कोई वृक्ष दूसरे स्थान पर नहीं जा सकता, लेकिन एक प्राणी के रूप में वे वास्तव में चल सकते हैं और पक्षियों की तरह पलायन कर सकते हैं! हालांकि, इसकी कोई तय समयसीमा नहीं होती। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 7 May 2023, 7:32 PM IST
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क्यूबेक: एक ओर यह सच है कि एक स्थान पर खड़ा कोई वृक्ष दूसरे स्थान पर नहीं जा सकता, लेकिन एक प्राणी के रूप में वे वास्तव में चल सकते हैं और पक्षियों की तरह पलायन कर सकते हैं! हालांकि, इसकी कोई तय समयसीमा नहीं होती।

ऐसा ही कुछ हम इस लेख में खोजने वाले हैं, यह गर्मियों की हमारी सीरीज का पहला लेख है।

वन पारिस्थितिकीय शास्त्र के शोधकर्ताओं के रूप में, हम वृक्षों के बुनियादी भौतिक कार्यों का अध्ययन करते हैं और उन्हें व्यापक पारिस्थितिक गतिशीलता से जोड़ते हैं।

तेज जलवायु परिवर्तन वन पारिस्थितिकी प्रणालियों की स्थिरता को कई तरह से चुनौती दे रहा है। जलवायु परिवर्तन से जुड़ी नई समस्याओं से निपटने के लिए हमें नए तरीकों की आवश्यकता होती है और “सहायतापूर्ण वृक्ष प्रवास” इनमें से एक है।

आइए पहले हम इस परिभाषा को समझ लेते हैं: सहायतापूर्ण प्रवासन का अर्थ “जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए मनुष्यों की सहायता से प्राणियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाना” यानी प्रवास होता है।

हम आमतौर पर 'प्रवास' शब्द को लोगों की आवाजाही या पक्षियों की मौसमी उड़ानों से जोड़कर देखते हैं।

लेकिन, हम सामान्य तौर पर वन प्रवास के बारे में नहीं सोचते हैं, और इन दो शब्दों यानी वन और प्रवास को आपस में जोड़ना भी अजीब लग सकता है। आखिरकार, वृक्ष आमतौर पर जमीन से जुड़े होते हैं और हिलते-डुलते नहीं हैं। हालांकि यह एक सवाल है कि क्या वे भी ऐसा करते हैं?

वृक्षों का प्रवास बीजों के फैलाव, अंकुरण और नयी पौध की स्थापना के माध्यम से होता है। कुछ समय बाद, ये पौध नए बीजों का उत्पादन शुरू कर देते हैं और इस धीमे भौगोलिक विस्तार में योगदान देते हैं।

वृक्ष प्रजातियों के बीच प्रवासन रणनीतियां भिन्न हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, ‘मेपल समरस’ हवा के साथ बहने वाले बीज होते हैं जो बांज (ओक) पेड़ के बीज ‘एकोर्न’ की तुलना में तेजी से और ज्यादा दूर तक यात्रा कर सकते हैं। ‘एकोर्न’ अपने भारी वजन की वजह से ऐसा नहीं कर पाते। हालांकि, नयी पौध को बढ़ने और बीज पैदा करने में अकसर कई वर्ष से कई दशक तक लग जाते हैं, इसके बाद ये बीज अपने माता-पिता से अधिक दूरी तक प्रवास कर सकते हैं।

सदियों में होने वाला यह प्रवास आमतौर पर समय की हमारी अवधारणा के अनुसार बहुत धीमा होता है। यह प्रवास जलवायु प्रणालियों में मनुष्यों की वजह से होने वाले परिवर्तनों के कारण सीमित हो सकता है।

वर्ष 2019 में, यूनिवर्सिटी ऑफ क्यूबेक, चिकोटिमी (यूक्यूएसी) क्यूबेक के सैग्वीने क्षेत्र में प्रायोगिक तौर पर चीनी मेपल के पौधे रोपे गए थे। प्रयोग एक स्थानीय परिवार के खेत में साझेदारी से किया जा रहा था, जिसने अपनी भूमि का हिस्सा वैज्ञानिक अनुसंधान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए समर्पित कर दिया था। ये 500 युवा वृक्ष 2024 में चार वर्ष के हो जाएंगे। कुछ दशकों में इन वृक्षों के बीज धीरे-धीरे पूरे क्षेत्र में फैलने की उम्मीद है, जिससे यह साबित हो सकता है कि वृक्ष भी प्रवास करते हैं।

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