वे 5 बड़ी राजनीतिक घटनाएं, जिन्होंने देश में मचाई सियासी हलचल

राजनीति के नजरिए से 2024 बेहद महत्वपूर्ण रहा है। लोकसभा चुनाव से लेकर संसद में उठने वाले प्रमुख मुद्दे इनमें शामिल हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 23 December 2024, 9:44 PM IST
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नई दिल्ली: भारत में हर साल ऐसी कई राजनीतिक घटनाएं होती हैं, जो देश के राजनीतिक परिदृश्य को हिला देती हैं। इन घटनाओं का न केवल जनता पर बल्कि आने वाले चुनावों और नीतियों पर भी गहरा असर पड़ता है।

साल 2024 भारतीय राजनीति में कई बड़े बदलावों और घटनाओं का गवाह बना। इस आर्टिकल में साल 2024 की 5 बड़ी राजनीतिक घटनाओं के बारे में प्रकाश डाला गया है, जिन्होंने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया।

1. बीजेपी की शानदार हैट्रिक

इस साल 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में लोकसभा चुनाव हुए। बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए ने ‘अबकी बार 400 पार’ के नारे के साथ चुनाव लड़ा, जबकि विपक्षी दलों ने ‘इंडिया’ गठबंधन बनाकर मोदी सरकार को चुनौती दी। हालांकि, एनडीए 400 सीटों तक नहीं पहुंच सकी, लेकिन बहुमत हासिल करते हुए नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद संभाला। 

इस चुनाव में विपक्षी दलों की सीटों में भी इजाफा हुआ। विपक्ष बेशक सरकार नहीं बना सका हो, लेकिन उससे बीजेपी के 400 पार वाले नारे आत्मविश्वास को जरूर बड़ा झटका लगा। 

2. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर में एक दशक बाद विधानसभा चुनाव का आयोजन हुआ। यह चुनाव खास इसलिए भी था क्योंकि यह अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहला चुनाव था। कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा और बहुमत हासिल किया। 

इस गठबंधन की जीत ने जम्मू-कश्मीर की सियासत में बड़ा बदलाव किया। उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इस चुनाव पर पूरे देश की नजर थी, क्योंकि यह केंद्र और क्षेत्रीय राजनीति के संतुलन को भी परिभाषित कर रहा था।

3. हेमंत सोरेन का जेल जाना और फिर जीत 

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए यह साल बेहद उतार-चढ़ाव भरा रहा। घोटाले के आरोपों में उन्हें जनवरी 2024 में जेल जाना पड़ा। उनकी अनुपस्थिति में चंपई सोरेन को अंतरिम मुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि, हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को जमानत मिलने के बाद उन्होंने दोबारा मुख्यमंत्री पद संभाला। इस घटनाक्रम के दौरान चंपई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। इस घटना ने झारखंड की राजनीति में हलचल मचा दी। 

इसके बाद झारखंड में विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने शानदार जीत दर्ज करते हुए एक बार फिर सत्ता बरकरार रखी। इंडिया गठबंधन का हिस्सा रहते हुए जेएमएम ने 34 सीटें जीतकर राज्य में अपना दबदबा बनाए रखा। इन घटनाओं ने सत्ता समीकरणों पर गहरा असर डाला। 

4. दिल्ली में केजरीवाल का इस्तीफा

साल 2024 में दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव उस समय देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) आबकारी नीति घोटाले के आरोपों के बाद जेल जाना पड़ा। केजरीवाल ने जेल से बाहर आने के बाद सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और उन्होंने आतिशी को सीएम बनाकर दिल्ली की सत्ता सौंपी।

केजरीवाल ने यह घोषणा की कि जब तक उन्हें जनता की ओर से पूर्ण विश्वास नहीं मिलेगा, तब तक वह कोई पद नहीं लेंगे। यह घटना आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए एक नई चुनौती लेकर आई, लेकिन आतिशी (Atishi Marlena) ने मुख्यमंत्री के रूप में जिम्मेदारी संभालकर पार्टी को संभालने का प्रयास किया।

5. प्रियंका गांधी का चुनावी आगाज

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी यूं तो कई सालों से राजनीति से जुड़ी रही, लेकिन आधिकारिक तौर पर साल 2024 में उन्होंने पॉलिटिक्स में एंट्री की। प्रियंका ने  वायनाड उपचुनाव से सक्रिय राजनीति में कदम रखा। 

राहुल गांधी द्वारा वायनाड सीट छोड़ने के बाद कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को इस सीट से मैदान में उतारा। उन्होंने शानदार जीत दर्ज कर संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उनकी यह जीत कांग्रेस के लिए एक नई ऊर्जा साबित हुई और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच उत्साह का संचार किया। 

6. नवीन पटनायक की हार

ओडिशा की राजनीति में दो दशकों से ज्यादा समय तक सत्ता पर काबिज रहे बीजू जनता दल (BJD) के नेता नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) को इस साल विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। भारतीय जनता पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए राज्य में बहुमत हासिल किया और सरकार बनाई। इस हार ने ओडिशा की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत की और बीजेपी को राज्य में बड़ा आधार दिया। 

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