वायुसेना के 4 अधिकारियों की हत्या मामले में आरोपी के खिलाफ लिया गया ये बड़ा एक्शन

डीएन ब्यूरो

जम्मू की एक स्थानीय अदालत ने 1990 में आतंकवादियों द्वारा वायु सेना के चार अधिकारियों की हत्या किए जाने के मामले में सुनवाई टाल दी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
फाइल फोटो


जम्मू: जम्मू की एक स्थानीय अदालत ने 1990 में आतंकवादियों द्वारा वायु सेना के चार अधिकारियों की हत्या किए जाने के मामले में सुनवाई टाल दी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस मामले में मुख्य आरोपियों में से एक मोहम्मद रफीक पहलू उर्फ ‘नानाजी’ को श्रीनगर पुलिस ने नौ अन्य लोगों के साथ जम्मू कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को फिर से शुरू करने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की मुख्य अभियोजक मनोका कोहली ने बताया कि जम्मू में टाडा की विशेष अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 19 अगस्त को नानाजी की पेशी के लिए वारंट जारी किया है।

वायु सेना के चार अधिकारियों की हत्या मामले में पहलू के अलावा जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक, अली मोहम्मद मीर,मंजूर अहमद सोफी उर्फ मुस्तफा, जावेद अहमद मीर उर्फ‘नलका’, शौकत अहमद बख्शी तथा जावेद अहमद जरगर शामिल हैं।

जैसे ही इस बहुचर्चित मामले की सुनवाई शुक्रवार को शुरू हुई, अदालत को दोनों पक्षों (अभियोजन, बचाव पक्ष) ने सूचित किया कि एक आरोपी नानाजी को श्रीनगर पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया है, लेकिन वह मौजूद नहीं है। वह फिलहाल पुलिस हिरासत में है।

कोहली ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष का एक गवाह अदालत में मौजूद है लेकिन नानाजी के मौजूद नहीं होने के कारण उसका बयान दर्ज नहीं कर सकते। अदालत को सूचित किया गया कि जानकारी के अनुसार वह कुछ उन लोगों में है जिन्हें श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया है।’’

उन्होंने कहा कि अदालत ने 19 अगस्त को अगली सुनवाई के दौरान नानाजी की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए उसके खिलाफ पेशी वारंट जारी किया।

कोहली ने कहा कि अदालत ने अभियोजन के गवाहों के बयान दर्ज करने के अनुरोध को खारिज कर दिया।

मलिक दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है और वह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई में शामिल हुआ, वहीं अन्य अरोपी अदालत में मौजूद थे।

सीबीआई के अनुसार आतंकवादियों के हमले में वायु सेना के चार अधिकारी घटनास्थल पर मारे गए थे ,वहीं एक महिला सहित कई लोग घायल हो गए थे।

जांच के बाद जम्मू में टाडा की अदालत में 31अगस्त 1990 को मलिक और छह लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किए गए थे।










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