हिमाचल से हरियाणा को छोड़ा जाने वाला पानी कम हुआ, यमुना के स्तर पर पड़ेगा असर: केजरीवाल

डीएन ब्यूरो

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने उन्हें सूचित किया है कि हिमाचल प्रदेश से हरियाणा को छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा कम हो गई है, जिसका असर यमुना के जल स्तर पर पड़ेगा।

केजरीवाल (फाइल)
केजरीवाल (फाइल)


नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने उन्हें सूचित किया है कि हिमाचल प्रदेश से हरियाणा को छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा कम हो गई है, जिसका असर यमुना के जल स्तर पर पड़ेगा।

केजरीवाल ने कहा कि नदी का जलस्तर कम होने में कुछ समय लगेगा।

दिल्ली में बुधवार को शाम चार बजे यमुना नदी का जलस्तर 207.71 मीटर पर पहुंच गया। इससे पहले 1978 में नदी का जलस्तर 207.49 मीटर तक पहुंचने का रिकॉर्ड था। जल स्तर बढ़ने के मद्देनजर केजरीवाल ने स्थिति से निपटने के लिए आपात बैठक बुलाई।

केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे एक पत्र में अनुरोध किया कि ‘‘यदि संभव हो तो हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज से पानी सीमित गति में छोड़ा जाये।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले दिल्ली में बाढ़ की खबर से दुनिया में अच्छा संदेश नहीं जायेगा।

उन्होंने बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मेरे पत्र के बाद, मुझे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का फोन आया, जिन्होंने कहा कि हथिनीकुंड सिर्फ एक बैराज है और इसमें पानी संचय करने और पानी की गति को सीमित करने के लिए कोई जलाशय नहीं है। हिमाचल प्रदेश से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा कम हो गई है और स्थिति में सुधार होगा। लेकिन इसका असर यमुना के जलस्तर पर दिखने में समय लगेगा।’’

बैठक के बाद केजरीवाल ने कहा था कि फिलहाल ध्यान लोगों की जान बचाने पर है। उन्होंने निचले इलाके में रहने वाले लोगों से अपने घर खाली करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम यह भी देख रहे हैं कि कुछ लोग उफनती नदी को देखने जा रहे हैं। कृपया सेल्फी लेने के लिए वहां न जाएं।’’

उन्होंने कहा कि बोट क्लब, मोनेस्ट्री मार्केट, नीली छत्री मंदिर, यमुना बाजार, नीम करोली गौशाला, विश्वकर्मा कॉलोनी, मजनू का टीला और वजीराबाद के बीच का हिस्सा जलमग्न हो गया है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) को सूचित किया है कि उसकी मदद मांगी जा सकती है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को जरूरत पड़ने पर स्कूलों को राहत शिविरों में बदलने का भी निर्देश दिया गया है।

 










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