नौकरशाहों की नियुक्ति को लेकर एलजी और दिल्ली सरकार के बीच का विवाद जारी, जानिये ये नया मामला

डीएन ब्यूरो

दिल्ली में विशेष सचिव (सतर्कता) वाई वीवी जे राजशेखर ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि एक गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) की ओर से उनके खिलाफ भेजा गया कानूनी नोटिस ‘मनगढ़ंत’ है और विभिन्न निहित स्वार्थों की वजह से इसका प्रसार किया जा रहा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

दिल्ली सचिवालय (फाइल फोटो)
दिल्ली सचिवालय (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: दिल्ली में विशेष सचिव (सतर्कता) वाई वीवी जे राजशेखर ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि एक गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) की ओर से उनके खिलाफ भेजा गया कानूनी नोटिस ‘मनगढ़ंत’ है और विभिन्न निहित स्वार्थों की वजह से इसका प्रसार किया जा रहा है।

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी ने मामले को लेकर भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई और केंद्रीय गृह सचिव को पत्र लिखा है।

यह दावा किया गया है कि एनजीओ अभिनव समाज ने 'भ्रष्टाचार, जालसाजी और उत्पीड़न' के आरोपों पर राजशेखर के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए दिल्ली सरकार को कानूनी नोटिस भेजा था।

वहीं, दिल्ली सरकार ने एक बयान में कहा कि मूल शिकायत प्रस्तुत करने वाले वकील ने उसे एक पत्र भेजा है, जिसमें उक्त शिकायत के अस्तित्व को स्वीकार और सत्यापित किया गया है। उन्होंने कहा है कि उनके मुवक्किल अब कुछ निहित स्वार्थों के डर या प्रलोभन में अपने रुख से पीछे हट गए हैं।

हालांकि, एनजीओ के अध्यक्ष जीके गुप्ता ने कहा कि उन्होंने 'फर्जी' कानूनी नोटिस को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखा है।

उन्होंने कहा, 'हमारे संगठन की ओर से भेजा गया नोटिस फर्जी है और दुर्भावनापूर्ण इरादे से बनाया गया है। अभिनव समाज द्वारा ऐसा कोई नोटिस जारी नहीं किया गया था। यदि अभिनव समाज के नाम से कोई नोटिस/शिकायत है, तो कृपया मामले की जांच करें कि कैसे हमारे लेटरपैड का इस्तेमाल दुर्भावनापूर्ण इरादे से फर्जी नोटिस जारी करने के लिए गया।

राजशेखर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच के लिए मामले को संदर्भित करने का भी आग्रह किया।

वहीं, दिल्ली सरकार ने एक बयान में कहा कि मूल शिकायत दायर करने वाले वकील ने इसे एक पत्र भेजा था और उन्होंने शिकायत की बात स्वीकारी थी।

उल्लेखनीय है कि 2012 बैच के आईएएस अधिकारी, दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाला, मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास का नवीनीकरण और दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के आवास के निर्माण के लिए एक विरासत ढांचे को तोड़ने जैसे संवेदनशील मामलों की निगरानी कर रहे थे। उन्हें 13 मई को दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज के निर्देश पर पद से हटा दिया गया था।










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