अमरनाथ यात्रा: आतंकवादी हमले की चारों तरफ निंदा, दिल्ली में बैठकों का दौर

डीएन संवाददाता

अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमलों को लेकर दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घटना का ब्यौरा दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने आनन-फानन में ताजा स्थिति का जायजा लेने के लिए बैठक की।

अनंतनाग जिले में अातंकी हमले के बाद मुस्तैद जवान
अनंतनाग जिले में अातंकी हमले के बाद मुस्तैद जवान


नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर के अनंतनाग जिले में सोमवार को अमरनाथ यात्रियों की एक बस पुलिस दल को निशाना बनाकर किए गए आतंकवादी हमलों की चारों तरफ निंदा की जा रही है। इस बीच सभी दलों ने 
इस घटना की निंदा की है। गृह मंत्रालय समेत तमाम मंत्रालयों के अधिकारियों द्वारा इस सम्बन्ध में बैठक की जा रही है।  

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उल्लेखनीय है की आतंकी हमलों में सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई। हमले में पुलिसकर्मियों सहित 14 लोग घायल हुए हैं। जम्मू एवं कश्मीर पुलिस तथा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने बताया कि दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं को लेकर बालटाल से मीर बाजार को जा रही बस पर सोमवार की देर शाम 8.20 बजे बटेंगो में यह हमला हुआ। 

उधर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घटना का ब्यौरा दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने आनन-फानन में ताजा स्थिति का जायजा लेने के लिए बैठक की।

आतंकवादियों ने इलाके में दो और जगहों पर सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए हमला किया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आतंकवादियों ने गुजरात से आए अमरनाथ यात्रियों से भरी एक मिनी बस पर हमला किया। उन्होंने बताया कि बस अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकृत नहीं थी, इसलिए बस के साथ सुरक्षा में पुलिस भी नहीं थी।

पुलिस महानिरीक्षक मुनीर खान ने बताया कि आतंकवादी हमले में सात श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 14 अन्य घायल हुए हैं। घायलों को श्रीनगर के आर्मी बेस हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है।

खान ने बताया कि यह आतंकवादी हमला अमरनाथ यात्रियों को नहीं, बल्कि सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर किया गया था। इससे पहले, सन 2000 में आतंकवादियों ने अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाया था, जब पहलगाम में लगे आधार शिविर पर किए गए हमले में 30 व्यक्तियों की मौत हो गई थी।

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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि आतंकवादी हमले की चपेट में आई बस आधिकारिक तौर पर अमरनाथ यात्रा का हिस्सा नहीं थी और अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा पंजीकृत नहीं थी।

उधर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घटना का ब्यौरा दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने आनन-फानन में ताजा स्थिति का जायजा लेने के लिए बैठक की।

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, “जम्मू एवं कश्मीर में शांतिपूर्ण अमरनाथ यात्रियों पर इस कायरतापूर्ण हमले का दुख शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। हमले की चारों ओर से कड़ी से कड़ी निंदा होनी चाहिए।” प्रधानमंत्री कार्यालय में केंद्रीय राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह ने भी हमले की निंदा की।

उन्होंने कहा, “यह सिर्फ श्रद्धालुओं पर हमला नहीं है, बल्कि देश की मिली-जुली संस्कृति पर हमला है। जहां तक भारत सरकार का सवाल है, तो आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति जरा भी बर्दाश्त न करने वाली है, चाहे यह स्थानीय आतंकवाद हो या विदेशी धरती से हुआ आतंकवाद।”

जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, “यह हमला हमारी जड़ों पर है। हम इस हमले के दोषियों को उनके अंजाम तक पहुंचाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।”

आतंकवादी हमले से कुछ ही घंटे पहले जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने दो व्यक्तियों को गिरफ्तार करने के साथ इलाके में लश्कर-ए-तैयबा के एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया था। गिरफ्तार व्यक्तियों में मुजफ्फरनगर वासी संदीप कुमार शर्मा उर्फ आदिल भी शामिल है।

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महबूबा मुफ्ती की राज्य सरकार में वरिष्ठ मंत्री नईम अख्तर ने इस आतंकवादी हमले को ‘कश्मीर के इतिहास में काला धब्बा’ करार दिया है।

नेशनल कान्फ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “इस हमले की कड़ी से कड़ी निंदा भी कम है।” अब्दुल्ला ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की हालिया सफलता के बाद इस तरह के हमले की आशंका बनी हुई थी।

उन्होंने ट्वीट किया, “इस साल यात्रा के दौरान हम सभी को इसका भय था। आतंकवादियों के खिलाफ हालिया सफलता और बहुत बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती को देखते हुए यह आशंका थी।” कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने इस हमले को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया है और कहा है कि आतंकवादियों को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी होगी।

इस बीच अधिकारियों ने कश्मीर घाटी में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। जम्मू एवं कश्मीर घाटी में कानून-व्यवस्था के हालात को देखते हुए शनिवार को अमरनाथ यात्रा रोक दी गई थी। (एजेंसी)

 










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