

उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में तैनात सभी शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए स्कूल की डिजिटल पंजिका में उपस्थिति दर्ज करानी आज से अनिवार्य हो गई है। लेकिन उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ इसका विरोध जता रहा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के डिजिटल पंजिका में उपस्थिति दर्ज करवाने के फैसले के खिलाफ शिक्षकों व कर्मचारियों ने मोर्चा खोल लिया है। सोमवार को यूपी के कई जिलों में शिक्षकों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया और इस आदेश को सरकार का तुगलकी फरमान बताया।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार सोमवार को यूपी के कई शिक्षकों ने बांह पर काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया। सरकार के इस फैसले के खिलाफ प्राथमिक शिक्षक संघ ने 9 जुलाई को ब्लॉक स्तर पर बैठक बुलाई है। शिक्षकों का कहना है कि 11-12 जुलाई को वे हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे और 15 जुलाई को सरकार को अपने फैसले से अवगत कराएंगे।
आजमगढ़ में प्रदर्शन कर रहे एक शिक्षक ने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में कहा कि ये आदेश अव्यवाहिरक है। उन्होंने कहा कि कभी बस खराब होती है तो कभी बारिश, जिस कारण शिक्षक कई बार लेट हो जते हैं।
आजमगढ़ की ही एक शिक्षिका ने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में कहा कि हम विरोध नहीं कर रहे हैं। लेकिन सरकार हमारी समस्याओं का भी समाधान करे।
आपको बताते चलें कि यह आदेश पहले 15 जुलाई से लागू होना था। लेकिन राज्य परियोजना निदेशक की ओर से जारी निर्देश के अनुसार 15 जुलाई के स्थान पर 8 जुलाई से ही स्कूल की डिजिटल पंजिका में उपस्थिति दर्ज करानी होगी। विभाग ने शिक्षकों और कर्मचारियों की परेशानियों को समझते हुए निर्धारित समय से 30 मिनट देर तक हाजिरी बनाने की सुविधा भी दी है। लेकिन शिक्षक इस आदेश से सहमत नहीं है।
सरकार के आदेश के खिलाफ नोएडा, आजमगढ़, गोरखपुर, बांदा, अमेठी, रायबरेली के साथ कई जिलों में प्रदर्शन जारी है।
No related posts found.