सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल के संरक्षण पर मांगे परामर्श, यूपी सरकार को कड़ी फटकार

उच्चतम न्यायालय ने आगरा के ऐतिहासिक ताजमहल के संरक्षण को लेकर सभी संबद्ध पक्षों से विस्तृत परामर्श देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को भी कड़ी फटकार लगाई है। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

Updated : 28 August 2018, 6:27 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: आगरा के ऐतिहासिक ताजमहल के संरक्षण और रखरखाव को लेकर उच्चतम न्यायालय ने सभी संबद्ध पक्षों से विस्तृत परामर्श मांगे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल संरक्षित (टीटीजेड) क्षेत्र में औद्योगिक कंपनियों की सही गिनती न कर पाने को लेकर भी उत्तर प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लिया औऱ कड़ी फटकार लगाई।

न्यायालय ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता एम सी मेहता, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और उत्तर प्रदेश सरकार से ताज के संरक्षण को लेकर सुझाव मांगे है। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली विशेष खंडपीठ ने ताजमहल के रख-रखाव के मामले में सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति को एक महीने में दृष्टिपत्र सौंपने को कहा है।

न्यायमूर्ति लोकुर ने कहा कि अगर सरकार के पास टीटीजेड में इंडस्ट्रीज की संख्या सही पता नहीं है तो इसका मतलब है कि उसका मसौदा दृष्टि पत्र ही गलत है। यह बहुत ही आश्चर्य की बात है कि अभी तक सरकार को यह ही नहीं पता कि क्षेत्र में कितनी औद्योगिक इकाइयां चल रही हैं। 

न्यायालय ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब सरकार द्वारा ताज सरंक्षण के लिए नियुक्त विशेषज्ञ समिति की सदस्य प्रोफेसर मीनाक्षी दोहते ने पीठ को बताया कि पहले राज्य सरकार ने उन्हें इलाके की इंडस्ट्री की सूची दी थी, लेकिन बाद में कहा कि उसमें बदलाव किया जायेगा क्योंकि सूची सही नहीं है।