Lucknow: तहज़ीब ए अवध मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन, जानें उर्दू और हिंदी का संबंध

डीएन ब्यूरो

यूपी के लखनऊ में तहज़ीब ए अवध मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस दौरान उर्दू और हिंदी को लेकर बातचीत हुई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये रिपोर्ट।

तहज़ीब ए अवध मुशायरा एवं कवि सम्मेलन
तहज़ीब ए अवध मुशायरा एवं कवि सम्मेलन


लखनऊ: राजधानी लखनऊ (Lucknow) के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में तहज़ीब ए अवध मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस दौरान संचालनकर्ता डॉक्टर खालिद आज़मी (Khalid Azami) ने कहा कि उर्दू और हिंदी आपस मे भाई और बहन है। इसको अलग नहीं किया जा सकता। इसकी हिफाज़त करना सभी की जिम्मेदारी है। खालिद आज़मी के मुताबिक जब तक उर्दू के चार स्तंभ है तब तक हमेशा यह सभी के ज़ुबा पर रहेगी।

वेस्टर्न कल्चर और वेस्टर्न म्यूजिक की आदत
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक युवाओं में वेस्टर्न कल्चर (Western Culture) और वेस्टर्न म्यूजिक (Western Music) की आदत को कैसे करने के लिये एक गिलहरी पहल नवाबों की राजधानी लखनऊ से शुरू हुई। यह पहल तहज़ीब ए अवध एवं कवि कवि सम्मेलन कार्यक्रम से शुरू हो रही है। एक शाम मुशायरा एवं कवि सम्मेलन के नाम से राजधानी वासियों को रूबरू कराता यह बेहद खास कार्यक्रम है। 

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लखनऊ की तहज़ीब और नजाकत
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान (Indira Gandhi Foundation) में आयोजित इस कार्यक्रम में देश के नामचीन शायर और शायरा के साथ ही मशूहर कवि एवं यूपी ब्यूरोक्रेसी के कई अधिकारी भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार में प्रमुख सचिव समाज कल्याण डॉक्टर हरिओम ने कहा कि आधुनिकता के दौर में लोगों का झुकाव वेस्टर्न कल्चर की ओर बढ़ा है। बावजूद ऐसे कार्यक्रम लखनऊ की तहज़ीब, नज़ाकत और नफासत को जिंदा रखे हैं।

उर्दू और हिंदी आपस में एक 
कार्यक्रम के संचालनकर्ता डॉक्टर खालिद आज़मी ने कहा कि उर्दू और हिंदी आपस मे एक ही हैं। बता दें मीडिया एंड एंटरटेनमेंट रिसर्च फाउंडेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जनाब फरहत एहसास, शारिक कैफ़ी (Shariq Khaifi), खुशबीर सिंह साद, आईएएस पवन कुमार, मदन मोहन दानिश, मनीष शुक्ला, डॉक्टर अना देहलवी, अभिषेक शुक्ला, दानिश अयूबी, डॉक्टर भावना श्रीवास्तव, अंजू सिंह, वसीम जहांगीराबादी, श्रवण सेठ और आईएएस अखंड प्रताप सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम के संयोजक कुंवर अमरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि युवाओं को लखनऊ की ताज़ीब से रुबरु कराना कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।

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