सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के LG को लगाई कड़ी फटकार, जानिए क्या है मामला

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना कड़ी फटकार लगाई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 13 July 2024, 9:55 AM IST
google-preferred

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पेड़ों की कटाई को लेकर कड़ी फटकार लगाई है।  दरअसल, एलजी सक्सेना ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) का एक मामला कोर्ट में पेंडिंग होने के बावजूद पेड़ों को काटने की इजाजत दे दी थी। कोर्ट ने उपराज्यपाल के कदम पर कड़ी नाराजगी जताई।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कोर्ट ने कहा कि उसे इस मामले में उपराज्यपाल की भूमिका का एहसास तब हुआ जब अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी खुद कोर्ट में हाजिर हुए और कहा 'यह पर्याप्त संकेत था।

जानकारी के अनुसार मामला डीडीए द्वारा सैकड़ों से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई से जुड़ा है, जो अदालत के पूर्व आदेशों का उल्लंघन है, जिसके अनुसार ऐसी कार्रवाई करने से पहले अदालत से अनुमति लेना आवश्यक है। 

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया है कि उपराज्यपाल के निर्देश पर डीडीए ने दक्षिणी रिज क्षेत्र में लगभग 1,100 पेड़ काटे हैं।

पीठ ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से तीखे लहजे में सवाल करते हुए कहा,  'क्या वह खुद को अदालत मानते हैं?' इसके अलावा, यह भी पूछा कि क्या डीडीए अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया था कि पेड़ों को काटने के लिए शीर्ष अदालत से अनुमति आवश्यक है। जस्टिस ओका ने कहा कि मुझे लगता है कि उपराज्यपाल खुद को अदालत मान रहे हैं। क्या कोई अधिकारी एलजी के पास यह बताने गया था कि हमें आगे बढ़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति की आवश्यकता है?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उपराज्यपाल ने पूरी तरह से विवेक का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने मान लिया कि दिल्ली सरकार के पास वृक्ष अधिकारी की शक्ति है। यह दुखद स्थिति है कि जो कुछ हो रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। हमें पहले दिन ही बता दिया जाना चाहिए था कि उपराज्यपाल ने निर्देश दिए हैं। 

शीर्ष अदालत ने मामले में उपराज्यपाल की संलिप्तता को छिपाने के प्रयासों की भी निंदा की और कहा कि सुनवाई के पहले दिन ही उसे यह बता दिया जाना चाहिए था कि उपराज्यपाल ने पहले ही पेड़ों की कटाई के निर्देश जारी किये थे।

Published :