Red fort Attack: लाल किला हमले में सुप्रीम कोर्ट से मोहम्मद आरिफ को फिर झटका, मौत की सजा बरकरार

डीएन ब्यूरो

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2000 के लाल किला हमले के मामले में मोहम्मद आरिफ को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा है। पढ़िये डाइनमाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

उच्चतम न्यायालय  (फाइल फोटो)
उच्चतम न्यायालय (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने साल 2000 के लाल किला हमले के मामले में मोहम्मद आरिफ दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा है। देश की शीर्ष अदालत ने मोहम्मद आरिफ को सुनाई गई मौत की सजा के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। 

इस मामले में 31 अक्टूबर 2005 को निचली अदालत ने मोहम्‍मद आरिफ को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ 2013 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इसके बाद 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने आरिफ की क्यूरेटिव याचिका भी खारिज कर दी थी। लश्कर ए तैयबा आतंकी और पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद आरिफ उर्फ अशफाक की पुनर्विचार याचिका को भी सुप्रीम कोर्ट ने अब खारिज कर दिया है। 

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बता दें कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े मोहम्मद आरिफ द्वारा 22 दिसंबर 2000 को किए गए लाल किले हमले में दो सैनिकों समेत 3 लोगों की जान गई थी। 

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हमले के बाद भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में लाल किला में घुसपैठ करने वाले 2 आतंकवादी भी मारे गए थे। इस मामले में 31 अक्टूबर 2005 को निचली अदालत ने मोहम्‍मद आरिफ को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी।










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