Shardiya Navratri: नवरात्रि के तीसरे दिन इस तरह करें मां चंद्रघंटा की पूजा, जानिए सुख-समृद्धि के मंत्र और विधि-विधान

डीएन ब्यूरो

नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्गा मां के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है। नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा राक्षसों का वध करने के लिए जानी जाती हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़िये मां चंद्रघंटा के बारे में

तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा
तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा


नई दिल्ली: शरदीय नवरात्रि के तीसरे दिन दुर्गा मां के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है। नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा राक्षसों का वध करने के लिए जानी जाती हैं। 

डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़िये देवी चंद्रघंटा के बारे में

शान्तिदायक और कल्याणकारी रूप

देवी चंद्रघंटा का यह स्वरूप परम शान्तिदायक और कल्याणकारी हैं। बाघ पर सवार मां चंद्रघंटा के शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। इनके मस्तक में घंटे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान हैं, इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। दस भुजाओं वाली देवी के हर हाथ में अलग-अलग शस्त्र विभूषित हैं।

सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद

देवी पार्वती का चंद्रघंटा रूप शांतिप्रिय है और जो भक्त सच्चे इरादों से उनकी पूजा करते हैं, मां उन्हें सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद देती हैं। ऐसा माना जाता है कि उनके माथे पर चंद्रमा की घंटी की ध्वनि नकारात्मकता को दूर करती है और आभा को शुद्ध करती है। 

भक्ति से मिलेगी आध्यात्मिक शक्ति

माना जाता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा और भक्ति करने से आध्यात्मिक शक्ति मिलती है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि के तीसरे दिन जो भी जातक माता के तीसरे रूप मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना करता है, उसे माता की कृपा प्राप्त होती है।

मां चंद्रघंटा की पूजा विधि
नवरात्रि के तीसरे दिन माता दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की​ विधि विधान से इस मंत्र ” ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः” का जाप कर आराधना करनी चाहिए। इसके बाद मां चंद्रघंटा को सिंदूर, अक्षत्, गंध, धूप, पुष्प आदि अर्पित करें। आप देवी मां को चमेली का पुष्प अथवा कोई भी लाल फूल अर्पित कर सकते हैं। साथ ही साथ, दूध से बनी किसी मिठाई का भोग लगाएं। पूजा के दौरान दुर्गा चालीसा का पाठ और दुर्गा आरती का गान करें।

मां चंद्रघंटा के मंत्र: 
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥

या देवी सर्वभू‍तेषु मां चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥


प्रयागराज में है विख्यात मंदिर
इलाहाबाद में नवरात्रि के तीसरे दिन पूजी जाने वाली माता चंद्रघंटा का एक प्रसिद्ध मंदिर है। इलाहाबाद के एक व्यस्तम इलाके चौक में स्थित है मां क्षेमा माई का अति प्राचीन मंदिर। पुराणों में भी इस मंदिर का विशेष वर्णन है। यहां पर देवी दुर्गा, माता चंद्रघंटा के स्वरूप में विराजमान हैं। वैसे इस मंदिर को इकलौता ऐसा मंदिर माना जाता है जहां मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का एक साथ दर्शन होता है।

कहते हैं इस मंदिर में दर्शन मात्र से ही मानव को सारे मानसिक व शारीरिक कष्टों से छुटकारा मिल जाता है।नवरात्रि के दौरान यहां हर दिन देवी के अलग-अलग स्वरूपों का विशेष श्रृंगार होता है। प्रतिदिन मंदिर में माता को सुबह-शाम नए वस्त्र, आभूषण पहनाए जाते हैं।










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