Shardiya Navratri 2022: नवरात्रि के तीसरे दिन ऐसे करें मां चंद्रघंटा का पूजन, जानिये माता के इस स्वरूप का महत्व

डीएन ब्यूरो

शारदीय नवरात्रि के दूसरे दिन प्रमुख मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा। शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन माता दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये खास रिपोर्ट

मां चंद्रघंटा
मां चंद्रघंटा


नई दिल्ली: नवरात्रि में मां के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा होती है। शारदीय नवरात्रि की शुरूआत सोमवार से हो गई। नवरात्रि के पहले दिन भक्त कलश स्थापना करके पूजा अर्चना करते हैं। नवरात्रि के पहले दिन श्रद्धालुओं ने मां शैलपुत्री व दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है।

28 सितंबर को शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन है। नवरात्रि के तीसरे दिन माता के मां चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा के माथे पर चमकते हुए चंद्रमा के कारण ही उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। मां चंद्रघंटा को देवी पार्वती का रौद्र रूप माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।

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इसलिए की जाती है मां चंद्रघंटा की पूजा

देवी चंद्रघंटा दुर्गा का विवाहित रूप है और उनकी कृपा, बहादुरी और साहस के लिए उनकी पूजा की जाती है। चंद्रघंटा का स्वरूप कुछ इस तरह होता है कि उनका एक हाथ अभयमुद्रा या आशीर्वाद मुद्रा में मां रहता है। साथ ही उनके माथे पर तीसरी आंख है।

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ऐसा है मां चंद्रघंटा का स्वरूप

मां चंद्रघंटा त्रिशूल, कमल, गदा, कमंडल, तलवार, धनुष, तीर, जप माला, अभयमुद्रा, ज्ञान मुद्रा के साथ नजर आती हैं। मां की सवारी बाघ है और उनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। दस भुजाओं वाली मां चंद्रघंटा के गले में सफेद फूलों की माला रहती है। मां का स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है।

ऐसे करें पूजा

माता चंद्रघंटा को सिंदूर, अक्षत, गंध, धूप, पुष्प अर्पित करें। आप मां को दूध से बनी हुई मिठाई का भोग लगा सकते हैं। यदि मां चंद्रघंटा को मखाने की खीर का भोग लगाया जाए तो यह उत्तम माना जाता है। नवरात्रि के हर दिन नियमित रूप से दुर्गा चालीस और दुर्गा आरती करें।

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मां चंद्रघंटा का मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

मां चंद्रघंटा की पूजा का महत्व

ऐसी मान्यता है कि मां चंद्रघंटा की पूजा करने से शत्रुओं का नाश होता है और अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं। इनकी कृपा से भक्त इस संसार में सभी प्रकार के सुख प्राप्त कर मृत्यु के पश्चात मोक्ष को प्राप्त करता हैं। देवी चन्द्रघंटा की भक्ति से आध्यात्मिक और आत्मिक शक्ति प्राप्त होती है। जो व्यक्ति मां चंद्रघंटा की श्रद्धा व भक्ति भाव सहित पूजा करता है, उसे मां की कृपा प्राप्त होती है। इससे वह संसार में यश, कीर्ति और सम्मान प्राप्त करता है।










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