सुप्रीम कोर्ट ने 100 फीसदी वीवीपैट मिलान की मांग ठुकराई, चुनाव आयोग जाएंगे विपक्षी दल

डीएन ब्यूरो

19 मई को लोकसभा चुनावों के लिए मतदान पूरा हो गया था। जिसके बाद से जीत हार की संभावनाओं को दिखाने वाले एक्‍जिट पोल को लेकर विपक्षी दलों में भारी नाराजगी है। विपक्षी दलों के नेता इसे ईवीएम में गड़बड़ी करने के लिए प्‍लान्‍टेड बता रहे हैं। इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सभी विपक्षी दलों की ओर से एक याचिका दाखिल की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट और वीवीपैट मशीन (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट और वीवीपैट मशीन (फाइल फोटो)


नई दिल्‍ली: चुनावी नतीजे आने से पहले ही एक्‍जिट पोल के सामने आने के बाद से ईवीएम को लेकर घमासान मचा हुआ है। आज ईवीएम और वीवीपैट का 100 फीसदी मिलान को लेकर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। याचिका को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि कोर्ट इस मामले को बार-बार क्यों सुने।

मंगलवार को तकरीबन 20 विपक्षी दलों की 100 फीसदी वीवीपैट के मिलान की याचिका को खारिज कर दिया गया। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बेहद ही सख्‍त टिप्‍पणी करते हुए बेंच में शामिल जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि इस तरह की याचिकाओं को बार-बार नहीं सुना जा सकता है। हम लोगों द्वारा जनप्रतिनिधियों के निर्वाचन के तरीके के बीच में नहीं आ सकते हैं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को भ्रामकता फैलाने वाला और फिजूल बताया। 

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यह याचिका चेन्‍नई के 'टेक फॉर ऑल' ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी। इसमें कहा गया था कि तकनीकी तौर पर वीवीपैट से जुड़ी ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) ठीक नहीं हैं। याचिकाकर्ता ने ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी का हवाला देते हुए कोर्ट से सभी ईवीएम का वीवीपैट से मिलान करने की मांग की थी।

पांच बूथ पर वीवीपैट मिलाने का सुप्रीम कोर्ट ने दिया था फैसला

इससे पहले भी इस संबंध में एक याचिका दायर की गई थी। जिस पर फैसले के बाद याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया था कि सुनवाई करने वाली बेंच ने हमारी मांग की वजह से एक की बजाय पांच बूथ पर वीवीपैट मिलान की बात स्वीकारी है।










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