महाराष्ट्र सरकार पर संजय राउत का बड़ा हमला, लगाये ये गंभीर आरोप

डीएन ब्यूरो

शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने एक पुरस्कार समारोह के दौरान लू की चपेट में आने से 11 लोगों की मौत के लिए सोमवार को महाराष्ट्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि लोगों की सहूलियत के बजाय राजनीति को तरजीह दी गई। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

संजय राउत (फाइल फोटो)
संजय राउत (फाइल फोटो)


मुंबई: शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता संजय राउत ने एक पुरस्कार समारोह के दौरान लू की चपेट में आने से 11 लोगों की मौत के लिए सोमवार को महाराष्ट्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि लोगों की सहूलियत के बजाय राजनीति को तरजीह दी गई।

नवी मुंबई में खारघर क्षेत्र में 306 एकड़ जमीन पर रविवार को आयोजित ‘महाराष्ट्र भूषण’ पुरस्कार समारोह में भीषण गर्मी की चपेट में आने के बाद कम से कम 11 लोगों मौत हो गई थी। इस कार्यक्रम में लाखों लोग पहुंचे थे।

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम में आध्यात्मिक नेता एवं समाज सुधारक अप्पासाहेब धर्माधिकारी को महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार दिया था।

राउत ने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा, ‘‘ महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार समारोह शाम को भी आयोजित किया जा सकता था, लेकिन केंद्रीय मंत्री अमित शाह के पास समय नहीं था। इसलिए कार्यक्रम दिन में आयोजित किया गया और लोग भीषण गर्मी तथा लू की चपेट में आ गए।’’

राज्यसभा के सदस्य ने कहा, ‘‘ पुरस्कार के पीछे की राजनीति लोगों की सुविधा पर हावी रही।’’

उन्होंने कहा कि हर राज्य सरकार के अपने विशेषज्ञ और सलाहकार होते हैं, जो अधिकारियों को यह बता सकते थे कि दिन के समय इतना बड़ा आयोजन न किया जाए। कार्यक्रम कितना लंबा हो इस बात को लेकर भी विवेक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए था।

राउत ने कहा, ‘‘ कार्यक्रम बेहद लंबा चला और लोग बीमार हो गए। उनमें से कुछ की इस वजह से मौत भी हो गई। कार्यक्रम में पहुंचे लोग अप्पासाहेब धर्माधिकारी के लिए वहां आए थे, मंच पर मौजूद किसी अन्य नेता के लिए नहीं।’’

शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के प्रवक्ता ने कहा कि ऐसी घटनाएं पहले भी हुई हैं और सरकार को ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन करने से पहले उनसे सबक लेना चाहिए।

‘महाराष्ट्र भूषण’ राज्य का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है जो विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को समाज कल्याण में उनके योगदान के वास्ते दिया जाता है।

पुरस्कार समारोह में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री कपिल पाटिल भी मौजूद थे।

धर्माधिकारी के वृक्षारोपण, रक्तदान अभियान और चिकित्सा शिविर स्थापित करने के साथ-साथ आदिवासी क्षेत्रों में नशामुक्ति के लिए की गई पहल के कारण राज्य में बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक और समर्थक हैं।










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