

अगर आप भी इस बार महाकुंभ में जाने वाले हैं और संगम में स्नान करना चाहते हैं तो कुछ बातों का ध्यान ज़रूर रखें। डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़िए पूरी खबर
प्रयागराज: महाकुंभ (Maha Kumbh) के अवसर पर विश्वभर से करोड़ों श्रद्धालु और साधु-संत संगम के तट पर पहुंचते हैं। ऐसा करने से महाकुंभ में स्नान का पूरा पुण्य मिलता है। महाकुंभ में हिस्सा लेने वाले गृहस्थ लोगों को कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। आइये जानते हैं वो नियम
संगम में डुबकी लगाने के नियम
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, महाकुंभ 2025 को शुरू होने में बस दो दिन ही बाकी हैं। इस बार महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से 27 फरवरी तक किया गया है। इसमें साधु-संतों का जमावड़ा देखने को मिलेगा। वहीं दुनियाभर से श्रृद्धालु संगम नदी में स्नान करने आते हैं। मान्यता है कि महाकुंभ में पवित्र नदियों का जल अमृत बन जाता है। इसलिए महाकुंभ के दौरान गंगा, यमुना आदि नदियों में स्नान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति भक्तों को होती है। लेकिन क्या आपको पता है महाकुंभ में डुबकी लगाते समय आपको कुछ नियमों का पालन करना जरुरी होता है।
संगम में डुबकी लगाने के फायदे
श्रद्धालुओं के लिए महाकुंभ में डुबकी लगाते समय कुछ ऐसे नियम हैं, जिनका पालन हर श्रृद्धालु को करना चाहिए। तो आइए जानते हैं उन नियमों के बारे में, तो अगर आप भी महाकुंभ में स्नान करने वाले हैं तो इन बातों ध्यान जरुर रखें। इन नियमों का पालन करने से आप महाकुंभ में स्नान करते हैं, तो आपको कई तरह के लाभ मिलते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। हालांकि इससे आपको आध्यात्मिक रूप से भी विकास करने में मदद मिलती है।
पहला नियम
महाकुंभ में डुबकी लगाने जाने वाले हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि गृहस्थ्य लोगों को 5 डुबकी लगानी चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार जब गृहस्थ्य लोग महाकुंभ में 5 बार डुबकी लगाते हैं तो कुंभ स्नान पूरा माना जाता है।
दूसरा नियम
महाकुंभ के दौरान कभी भी नागा साधुओं से पहले डुबकी ना लगाएं क्योंकि महाकुंभ के दौरान सबसे पहले नागा साधु स्नान करते हैं और डुबकी लगाते हैं। फिर अन्य लोग डुबकी लगाते हैं। इसलिए अगर आपको भी पवित्र नदी में स्नान करना है तो आप भी नागा साधुओं के स्नान के बाद ही स्नान करें वरना ये नियमों का उल्लंघन व धार्मिक दृष्टि से अच्छा नहीं माना जाता है व शुभ फलों की प्राप्ति भी नहीं होती।
तीसरा नियम
महाकुंभ में पवित्र नदी में स्नान के बाद अपने दोनों हाथों से सूर्यदेव को अर्ध्य जरुर दें। इससे आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। ऐसा करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
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