रेलवे और रक्षा क्षेत्र के कर्मचारी पीएम से नाराज, 16 मार्च को करेंगे हड़ताल

डीएन ब्यूरो

कर्मचारी संघों ने 16 मार्च 2017 को हड़ताल का ऐलान किया

हड़ताल
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नई दिल्ली। पीएम मोदी सरकार से केंद्रीय कर्मचारी नाराज हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि नरेंद्र मोदी ने रेलवे और रक्षा कर्मचारियों पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ कर दिया है। इसके विरोध में कर्मचारी संघों ने 16 मार्च 2017 को हड़ताल का ऐलान किया है।

 

कर्मचारी संघ इस बात से भी नाराज हैं कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया है और सात महीने बीत जाने के बाद कोई हल नहीं निकाला है।

रेलवे कर्मचारी संघ के नेताओं का कहना है कि 2014 में पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद कर्मचारियों ने अपनी प्रस्तावित हड़ताल को वापस लिया था ताकि नई सरकार को काम करने का कुछ समय दिया जा सके, लेकिन सरकार ने 22 अगस्त 2014 को नोटिफिकेशन जारी कर रक्षा क्षेत्र और रेलवे में 100 फीसदी विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी।

 

रेलवे कर्मचारी नेताओं का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने रेल बजट के अस्तित्व को समाप्त कर आम बजट में मिलाने का जो निर्णय लिया यह भी बिबेक देव रॉय समिति का सुझाव था। यह भी सरकार ने रेलवे के प्राइवेटाइजेशन के इरादे से उठाया है। कर्मचारी नेताओं का कहना है जिस प्रकार से सरकार बिबेक देव रॉय की सिफारिशों को लागू कर रही है उससे सरकार के रेलवे के पूरी तरह से निजीकरण करने के इरादे का पता चलता है।
 

देश में कई स्थानों पर ऑडनेंस फैक्टरी हैं और नरेंद्र मोदी सरकार के नेतृत्व में रक्षा क्षेत्र में 100 फीसदी निजी निवेश को मंजूरी दी गई। रक्षा उत्पादों को तैयार करने वाले ऑर्डनेंस के कर्मचारी संघों ने केंद्र सरकार को अपनी चिंताओं से अवगत कर दिया है। उन्होंने कहा कि जो उत्पाद इन फैक्टरियों में तैयार हो रहे थे उनके भी लाइसेंस निजी कंपनियों को दिए जा रहे है।










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