लोकसभा चुनाव से पहले दलों में राजनीतिक उछल कूद शुरू..पार्टियां बदल रहे नेता

डीएन ब्यूरो

लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही सभी पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। इसके साथ ही चुनाव से पहले नेता अपनी पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट..

मनीष खंडूरी-अर्जुन सिंह टीएमसी
मनीष खंडूरी-अर्जुन सिंह टीएमसी


नई दिल्‍ली: गुरुवार का दिन राजनीतिक दलों के लिए आयाराम गयाराम जैसा दिन रहा। यूं तो राजनीतिक दलों में नेताओं के अपने हित जब सधने बंद हो जाते हैं तब नेता किसी दूसरे ठौर ठिकाने को तलाशने लग जाते हैं।

दिल्ली में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक अर्जुन सिंह ने आधिकारिक तौर पर भाजपा का दामन थाम लिया। कांग्रेस के दिग्‍गज नेता रहे टॉम वडक्‍कन ने भी भाजपा में शामिल हो गए। इसके अलावा भाजपा के उत्‍तराखंड में सीएम रहे बीसी खंडूरी के बेटे मनीष खंडूरी कांग्रेस में शामिल हो गए।

देशविरोध की दुहाई देकर भाजपा में आए वडक्‍कन 

दोपहर एक बजे भाजपा ने प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें घोषणा की गई कि दो नए साथी उनके साथ जुड़े हैं। वडक्‍कन का कांग्रेस का साथ छोड़ना उसके लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।


कांग्रेस के दिग्‍गज नेता रहे टॉम वडक्‍कन ने भी भाजपा में शामिल हो गए। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए इसे बड़ा झटका माना जा रहा है। भाजपा की प्रेस कांफ्रेंस में टॉम वडक्कन ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद जिस तरह कांग्रेस ने सवाल खड़े किए उससे मन में दुख और नाराजगी दोनों ही थी। इसीलिए कांग्रेस के देश विरोधी रुख को देते हुए पार्टी छोड़ने का मन बनाया।

खंडूरी के बेटे का कांग्रेस में जाना भाजपा के लिए बड़ा झटका

खंडूरी भाजपा के लिए कितना महत्व रखते हैं इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि 2012 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 'खंडूरी हैं जरूरी' का नारा दिया था। खंडूरी के नाम पर भाजपा को खूब वोट भी मिले थे। बीसी खडूरी के बेटे को कांग्रेस पौड़ी से टिकट दे सकती है। यदि मनीष यहीं से चुनावी मैदान में उतरते हैं तो भाजपा के लिए मुश्किल हो सकती है। जबकि भाजपा ने इस लोकसभा सीट को 'ए' प्लस की श्रेणी में रखा है।

लोकसभा टिकट न मिलने पर तृणमूल को बाय-बाय 

टीएमसी के मजबूत नेता और भाटवारा के विधायक अर्जुन सिंह ने लोकसभा टिकट से वंचित होने पर भाजपा की राह पकड़ ली है। वह बैरकपुर लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी होंगे। वहीं तृणमूल ने सांसद दिनेश त्रिवेदी को इस सीट से टिकट दिया है। ज्ञात हो कि यह क्षेत्र मुख्य रूप से हिंदी भाषी लोगों के वर्चस्व वाला है।










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