डॉ. राम मनोहर लोहिया की जयंती आज..पीएम मोदी ने इस तरह किया याद
आज यानि 23 मार्च को अद्वितीय विचारक, क्रांतिकारी, प्रखर बुद्धि के धनी डॉ. राम मनोहर लोहिया की जयंती होती है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें इस तरह से याद किया है।
नई दिल्ली: अद्वितीय विचारक, क्रांतिकारी, प्रखर बुद्धि के धनी डॉ. राम मनोहर लोहिया में जन सरोकार की राजनीति के प्रति गहरी आस्था थी। उनके संपूर्ण राजनीतिक जीवन का संदेश यही था कि व्यक्ति और समाज की स्वतंत्रता और तरक्की के लिए विवेकपूर्ण संघर्ष करे। लोहिया के यह विचार उनके पूरे जीवन में दिखाई पड़ते हैं चाहे जर्मनी में पढ़ाई या भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान भूमिगत जीवन और लाहौर किले की जेल में कठिन यातना सहने का समय रहा हो।
गैर-कांग्रेसवाद के जनक और समाजवादी चिंतक डॉ. राम मनोहर लोहिया का 'जिंदा कौमें पांच साल इंतजार नहीं करतीं।' कथन आज की सरकारों के लिए भी उतना ही प्रासंगिक है जितना 1960 के दशक में जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी की सरकारों के लिए था। गुलाम भारत में अंग्रेजों ने उन्हें एक दर्जन बार गिरफ्तार किया तो आजाद भारत की सरकार ने उन्हें उससे भी ज्यादा बार।
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जर्मनी, अमेरिका या नेपाल, अन्याय चाहे जहां भी हुआ हो वह पीछे नहीं हटने वालों में से थे। वह समाज को बदलने और समता व समृद्धि पर आधारित समाज बनाने के लिए लगातार संघर्षरत रहे। वह वंशवादी राजनीति को हमेशा लोकतंत्र के लिए घातक मानते थे।
उनकी जयंती पर देश के तमाम नेताओं ने अपने अपने विचार व्यक्त किए हैं। वहीं भारत के प्रधानमंत्री ने लोहिया की जंयती पर ब्लॉग लिखकर समाजवादी विचारधारा वाले दलों और कांग्रेस पर जोरदार तरीके से वार किया है। पीएम मोदी ने इस ब्लॉग को ट्वीट भी किया है।
Today they are betraying the principles of Dr. Ram Manohar Lohia, tomorrow they will also betray the people of India.
My thoughts on why those who claim to follow Dr. Lohia have let him down. Do read. https://t.co/gq1srcXwkxयह भी पढ़ें | संत कबीर नगर में सपाइयों ने मनाई डॉ राम मनोहर लोहिया की 114वीं जयंती
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) March 23, 2019
प्रधानमंत्री ने ब्लॉग में लिखा है कि दुर्भाग्य की बात है कि राजनीति में आज ऐसे घटनाक्रम सामने आ रहे हैं, जिन्हें देखकर डॉ. लोहिया भी विचलित, व्यथित हो जाते। गैर-कांग्रेसवाद के लिए लोहिया जीवन भर लड़ते रहे, लेकिन आज के कथित समाजवादी दल उनके साथ ही महामिलावटी गठबंधन कर रहे हैं। साथ ही लोहिया के जरिए वंशवादी राजनीति पर निशाना साधते हुए लिखा है कि लोहिया हमेशा वंशवादी राजनीति को लोकतंत्र के लिए घातक मानते थे लेकिन उनके अनुयाइयों के लिए अपने परिवारों के हित देशहित से ऊपर हैं।
समझ में नहीं आता कि @narendramodi जी किस विचारधारा पर चलना चाहते हैं। एक तरफ़ गांधी जी, भगत सिंह, सरदार पटेल, बाबासाहेब और डॉ. लोहिया को अपनाने की कोशिश तो दूसरी तरफ़ उनका सम्मान, जिनका इन सबने खुला विरोध किया। आपने डॉ. लोहिया की ‘हिन्दू बनाम हिन्दू’ की पहली पंक्ति तो पढ़ी होगी! pic.twitter.com/eEiblmQ2hv
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 23, 2019
इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पीएम मोदी की टिप्पणी पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि पीएम और बीजेपी को समाजवाद और पंथनिरपेक्षता से कोई लेना-देना नहीं है। इन्हें जब भी मौका मिला है, उन्होंने वादों के खिलाफ काम किया है। यह सरकार झूठ के नाम से जानी जाएगी। लोहिया ने जाति तोड़ो आंदोलन चलाया था, लेकिन बीजेपी ने देश में जातिवाद का जहर फैलाने का काम किया।