Bihar Politics: JDU के राष्ट्रीय प्रवक्ता से क्यों हटाए गए केसी त्यागी?

जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) नेता केसी त्यागी ने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि पार्टी ने इस्तीफे के पीछे व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 1 September 2024, 3:09 PM IST
google-preferred

पटना: जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बड़े नेता केसी त्यागी (KC Tyagi) ने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता (National Spokesperson) पद से इस्तीफा (Resigned) दे दिया है। उनकी जगह राजीव रंजन (Rajeev Ranjan) को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। त्यागी के इस्तीफे के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हे जानबूझकर हटाया गया। केसी त्यागी ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और JDU के लिए हमेशा से अहम भूमिका निभाई है। पार्टी में किसी भी नेता का राज रहा हो, त्यागी हमेशा से ही मुख्य टीम का हिस्सा रहे हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार त्यागी के इस्तीफे के पीछे व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया गया, लेकिन उनके इस्तीफे के पीछे कई कयास लगाए जा रहे हैं।

पार्टी ने इस्तीफे की बताई निजी वजह
हालांकि पार्टी की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि केसी त्यागी ने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है। केसी त्यागी JDU के विशेष सलाहकार भी हैं, लेकिन उन्होंने इस पद से इस्तीफा दिया है या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है।

पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी कर रहे थे केसी त्यागी
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि केसी त्यागी ने कई मुद्दों पर पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी की थी, फिर चाहे केंद्र सरकार की विदेश नीति हो, UPSC में लेटरल एंट्री, SC-ST आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला। उन्होंने अपने निजी विचारों को पार्टी के विचारों की तरह पेश किया, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा।

इजरायल मुद्दे पर इंडिया गठबंधन का साथ 
बीते दिनों इजरायल को हथियारों की आपूर्ति रोकने के मुद्दे पर केसी त्यागी ने विपक्षी दलों के सुर में सुर मिलाया था। उन्होंने विपक्षी नेताओं के साथ एक साझा बयान पर हस्ताक्षर किए थे। इस बयान में कहा गया था कि केंद्र सरकार को इजरायल को हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति पर रोक लगानी चाहिए। बयान में कहा गया था कि, 'इजरायल द्वारा जारी यह क्रूर हमला न केवल मानवता का अपमान है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कानून और न्याय और शांति के सिद्धांतों का भी घोर उल्लंघन है।'

इन मुद्दों पर दिया पार्टी लाइन से हट कर बयान
त्यागी ने कई बार अपने निजी विचारों को पार्टी के विचारों के रूप में प्रस्तुत किया, जिससे पार्टी की छवि और नेतृत्व पर सवाल उठने लगे। सूत्रों ने बताया कि चाहे समान नागरिक संहिता हो या वक्फ संशोधन विधेयक बिल… यहां तक ​​कि फिलिस्तीन मुद्दे पर भी उन्होंने खुलकर अपनी बात रखी। समाजवादी नेता का मुखर रुख पार्टी के भीतर कई लोगों को पसंद नहीं आया।

विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि त्यागी का बयान जेडीयू नेतृत्व को असहज करने वाला था और इससे पार्टी के भीतर और बाहर विवाद बढ़ गया था। SC-ST आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर बिना पार्टी से चर्चा किए त्यागी ने बयान जारी कर दिया, जो पार्टी नेतृत्व को नागवार गुजरा।

इसी तरह लेटरल एंट्री के मुद्दे पर भी उन्होंने अपने निजी विचार प्रकट कर दिए। वहीं, इजराइल को हथियारों की आपूर्ति रोकने को लेकर इंडिया गठबंधन के नेताओं के साथ साझा बयान पर दस्तखत कर दिए। इस तरह उन्होंने कई मुद्दों पर पार्टी लाइन से हट कर बयान दिया। जो उनकी विदाई का मुख्य कारण बना।