मुंबई में अब और सुरक्षित होंगी महिलाएं, सरकार ने उठाये ये कदम
राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपनगरीय ट्रेन के महिला डिब्बों और प्लेटफॉर्म पर रात नौ बजे से सुबह छह बजे के बीच वर्दीधारी कर्मियों को तैनात करेगी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
मुंबई: राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपनगरीय ट्रेन के महिला डिब्बों और प्लेटफॉर्म पर रात नौ बजे से सुबह छह बजे के बीच वर्दीधारी कर्मियों को तैनात करेगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
यह कदम मुंबई में उपनगरीय ट्रेन में महिला यात्रियों के यौन उत्पीड़न की हालिया घटनाओं के मद्देनजर उठाया गया है। पिछले महीने शहर में चलती ट्रेन में महिलाओं के यौन उत्पीड़न और उन्हें प्रताड़ित करने की दो घटनाएं सामने आईं। रेलवे पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर दोनों मामले सुलझा लिये।
पुलिस अधिकारी ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि इन घटनाओं का संज्ञान लेते हुए जीआरपी ने ट्रेन यात्रा के दौरान खासकर रात और सुबह के समय महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक योजना बनाई है। उन्होंने बताया कि रात नौ बजे से सुबह छह बजे के बीच महिला डिब्बों में वर्दीधारी कर्मियों को तैनात किया जाएगा।
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अधिकारी ने बताया कि इन कर्मियों को जीआरपी, होम गार्ड और महाराष्ट्र सुरक्षा बल से लिया जाएगा तथा रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कर्मचारी भी जीआरपी के साथ समन्वय में काम करेंगे।
मुंबई उपनगरीय ट्रेन नेटवर्क मध्य, पश्चिमी, हार्बर, ट्रांस-हार्बर और बेलापुर-नेरुल-खारकोपर (उलवे) लाइन में फैला हुआ है। उन्होंने कहा कि रात के समय रेलवे इन मार्गों पर 1,041 ट्रेन का संचालन करता है।
अधिकारी ने बताया कि महिला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए जीआरपी ने ट्रेन में 640 और प्लेटफॉर्म पर 600 से अधिक कर्मियों को तैनात करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि अगर महिला यात्रियों को पता चलता है कि महिला कोच में सुरक्षाकर्मी नहीं हैं तो वे तुरंत रेलवे हेल्पलाइन-1512 पर संपर्क कर सकती हैं।
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अधिकारी ने बताया कि इस साल एक जनवरी से जीआरपी को हेल्पलाइन पर 1.58 लाख से अधिक फोन आए। इनमें से 13,921 फोन कॉल मदद मांगने या जानकारी प्रदान करने के लिए थी। उन्होंने बताया कि पुलिस को प्रतिदिन 700 से 800 फोन कॉल आती हैं।