अब ट्रायल के लिए नहीं करना पड़ेगा ट्रेनों को इंतजार, 8 के आकार में बनेगा नया ट्रैक

डीएन ब्यूरो

हाईस्पीड ट्रेनों को टेस्ट करने के लिए अब नए तरह के ट्रैक बनने जा रहे है। यह ट्रैक अंग्रेजी के 8 के आकार में बनेगा। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट...

फाइल फोटो
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लखनऊ: हाईस्पीड ट्रेनों को टेस्ट करने के लिए अब नए तरह के ट्रैक बनने जा रहे है। ट्रेन 18 हो या तेज या कोई सेमी हाईस्पीड वाली ट्रेन हो, अब ऐसी ट्रेनों का ट्रायल एक डेडीकेटेड टेस्टिंग ट्रैक पर किया जाएगा। 25 किलोमीटर का यह ट्रैक अंग्रेजी के 8 के आकार में बनेगा। 


इस ट्रैक को बनाने के लिए रेलवे बोर्ड ने 353 करोड़ रुपये का बजट दे दिया है। टेस्टिंग ट्रेक बनाने के लिए जयपुर रेल मंडल को काम सौंपा गया है। लेकिन इस काम के लिए तकनीकी सहयोग लखनऊ का अनुसंधान अभिकल्प व मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा दिया जाएगा।

आरडीएसओ को ट्रायल के लिए नहीं करना पड़ेगा इंतजार

ट्रेन 18 जैसी ट्रेनों का संचालन जिस रूट पर किया जाता है उन पर एक ट्रायल आरडीएसओ करता है। जिससे भौगोलिक स्थिति के साथ तकनीकी पहलुओं की भी जांच हो सके। उन रूट पर नियमित ट्रेनों के चलने से कई बार आरडीएसओ को इंतजार करना पड़ता है। इससे ट्रेन का ट्रायल भी देरी से होता है और यात्रियों को भी नई ट्रेनों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ जाता है। 

बता दें कि रेलवे बोर्ड के पास आरडीएसओ ने अपने लिए एक अलग टेस्टिंग ट्रैक बनाने के लिए प्रसताव भेजा था। इस तरह के प्रस्ताव को कई साल पहले भी भेजा गया था लेकिन तब उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। इस बार रेलवे बोर्ड ने टेस्टिंग ट्रैक बनाने के लिए बजट दे दिया है।










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