Nirmala Sitharaman: सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की वर्षगांठ पर बोलीं सीतारमण- समाज के अंतिम व्यक्ति को मिल रही जन सुरक्षा सुविधा

डीएन ब्यूरो

बीमा योजनाएं और गारंटी युक्त पेंशन योजना यह सुनिश्चित कर रही है कि समाज के अंतिम व्यक्ति को अब जन सुरक्षा की सुविधा मिल रही है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण  (फाइल फोटो)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन सामाजिक सुरक्षा (जन सुरक्षा) योजनाओं, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) की 7 वीं वर्षगांठ पर आज कहा कि कम लागत वाली बीमा योजनाएं और गारंटी युक्त पेंशन योजना यह सुनिश्चित कर रही है कि समाज के अंतिम व्यक्ति को अब जन सुरक्षा की सुविधा मिल रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल में 9 मई 2015 को कोलकाता में पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई और एपीवाई को लॉन्च किया गया था। इन सात वर्षाें में पीएमजेजेबीवाई के लिए कुल पंजीकरण 12.76 करोड़ से अधिक हो चुका है।

इसी तरह से पीएमएसबीवाई के लिए भी कुल पंजीकरण 28.37 करोड़ के पार और एपीवाई के लिए 4 करोड़ से अधिक ग्राहकों ने पंजीयन कराया है।ये तीन तीन सामाजिक सुरक्षा योजनाएं अप्रत्याशित जोखिमों / नुकसानों और वित्तीय अनिश्चितताओं से मानव जीवन को सुरक्षित करने की आवश्यकता की पहचान करते हुए नागरिकों के कल्याण के लिए समर्पित हैं।

देश के असंगठित क्षेत्र के लोगों को आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने दो बीमा योजनाएं शुरू कीं - प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) तथा इसके साथ ही वृद्धावस्था में जरूरतों को पूरा करने के लिए अटल पेंशन योजना (एपीवाई) की शुरुआत की गयी।पीएमजेजेबीवाई और पीएमएसबीवाई लोगों को कम लागत वाली जीवन दुर्घटना बीमा कवर की सुविधा देतीं हैं  जबकि एपीवाई बुढ़ापे में नियमित पेंशन प्राप्त करने के लिए वर्तमान में बचत करने का अवसर प्रदान करती है।

इन योजनाओं की 7वीं वर्षगांठ पर श्रीमती सीतारमण ने प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त, 2014 को घोषित एवं वित्तीय समावेश पर आधारित राष्ट्रीय मिशन के मुख्य उद्देश्यों में से एक था  बीमा और पेंशन के दायरे का विस्तार करना, ताकि समाज के गरीब और कमजोर समुदाय के लोगों को किफायती उत्पादों के माध्यम से अत्यधिक आवश्यक वित्तीय सुरक्षा प्रदान की जा सके।  वित्त मंत्री ने कहा कि तीन जन सुरक्षा योजनाओं ने बीमा और पेंशन को आम आदमी की पहुंच में ला दिया है।

पिछले सात वर्षों में उपरोक्त योजनाओं में पंजीकृत और इनसे लाभान्वित होने वाले लोगों की संख्या इनकी सफलता का प्रमाण हैं। कम लागत वाली बीमा योजनाएं और गारंटी युक्त पेंशन योजना यह सुनिश्चित कर रही हैं कि वित्तीय सुरक्षा  जो पहले कुछ चुनिंदा लोगों को ही उपलब्ध थी  अब समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रही है।
गरीब लोगों को सुविधाएं प्रदान करने का उल्लेख करते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि आज  गरीब से गरीब व्यक्ति भी पीएमजेजेबीवाई के तहत 2 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर प्रति दिन 1 रुपया से कम पर और पीएमएसबीवाई के तहत 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा भी प्रति दिन एक रुपया से कम पर प्राप्त कर सकता है।

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18 से 40 वर्ष आयु वर्ग के सभी नागरिक न्यूनतम 42 रुपये प्रति माह का भुगतान करके 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन प्राप्त कर सकते हैं।

पीएमजेजेबीवाई के माध्यम से नागरिकों को विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान सुविधा के साथ सुरक्षा प्रदान करने के बारे में श्रीमती सीतारमण ने कहा कि पीएमजेजेबीवाई के तहत, योजना की शुरुआत से अब-तक 12.76 करोड़ व्यक्तियों ने जीवन बीमा के लिए पंजीकरण कराया है और 5,76,121 व्यक्तियों के परिवारों को योजना के तहत कुल 11,522 करोड़ रुपये मूल्य के दावे प्राप्त हुए हैं।

यह योजना महामारी के दौरान कम आय वाले परिवारों के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हुई है  क्योंकि वित्त वर्ष 2021 में  भुगतान किए गए कुल दावों में लगभग 50 प्रतिशत कोविड-19 से हुई मौतों से सम्बंधित थे। महामारी की अवधि के दौरान दावों के त्वरित और आसान निपटान के लिए दावा निपटान प्रक्रिया में बड़े बदलाव किये गए। दावों के आसान निपटान के लिए शुरू किये गये ये बदलाव अभी भी जारी हैं। महामारी की शुरुआत के बाद से एक अप्रैल, 2020 से 23 फरवरी, 2022 तक, कुल 2.10 लाख दावों के लिए 4,194.28 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान किया गया। दावों को निपटाने की दर 99.72 प्रतिशत रही।

वित्त मंत्री ने कहा कि इसी तरह, पीएमएसबीवाई के शुभारंभ के बाद से 28.37 करोड़ लोगों ने दुर्घटना कवर के लिए पंजीकरण कराया है और 97,227 दावों के लिए 1,930 करोड़ रुपये की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। 4 करोड़ से अधिक लोग एपीवाई योजना के सदस्य बने हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड ने सभी बैंकों और बीमा कंपनियों को इन योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए बधाई देते हुये उनसे अनुरोध किया कि वे उसी उत्साह और समर्पण के साथ इन योजनाओं के लिए काम करना जारी रखें, जब-तक कि अंतिम व्यक्ति को कवर नहीं किया जाता।

उन्होंने कहा कि आगे बढ़ते हुए  जैसा कि माननीय प्रधानमंत्री ने पिछले स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में घोषणा की थी  हमारा प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि देश में प्रत्येक पात्र व्यक्ति को बीमा और पेंशन की इन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत कवर किया गया है। पीएमजेजेबीवाई एक साल की जीवन बीमा योजना है, जिसका नवीकरण प्रत्येक वर्ष होता है और यह किसी भी कारण से होने वाली मौत के लिए कवरेज प्रदान करती है। 18-50 वर्ष आयु वर्ग के बचत बैंक या डाकघर के खाताधारक व्यक्ति इस योजना के तहत पंजीकरण के पात्र हैं।

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50 वर्ष की आयु से पहले योजना में शामिल होने वाले लोग प्रीमियम का भुगतान करने पर जीवन के जोखिम का कवरेज 55 वर्ष की आयु तक प्राप्त कर सकते हैं। 330 रुपये के वार्षिक प्रीमियम भुगतान पर 2 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर, चाहे मृत्यु किसी भी कारण से हुई हो।

पीएमएसबीवाई एक साल की दुर्घटना बीमा योजना है, जिसका प्रत्येक साल नवीकरण किया जाता है और यह दुर्घटना के कारण हुई मृत्यु या दिव्यांगता के लिए कवरेज प्रदान करता है।

बचत बैंक या डाकघर में खाताधारक 18-70 वर्ष के व्यक्ति इस योजना के तहत पंजीकरण के पात्र हैं। दुर्घटना के कारण हुई मृत्यु या दिव्यांगता के लिए 2 लाख रुपये (आंशिक दिव्यांगता के मामले में 1 लाख रुपये) का दुर्घटना मृत्यु सह दिव्यांगता कवर।

एपीवाई सभी भारतीयों  विशेष रूप से गरीबों, वंचितों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए एक सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली के निर्माण के लिए शुरू की गई थी।

यह असंगठित क्षेत्र के लोगों के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने और भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार की एक पहल है। एपीवाई को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के समग्र प्रशासनिक और संस्थागत ढांचे के तहत पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा प्रबंधित किया जाता है। एपीवाई 18 से 40 वर्ष आयु के सभी बैंक खाताधारकों के लिए खुली है और चुनी गई पेंशन राशि के आधार पर अंशदान की धनराशि अलग-अलग होती है। (वार्ता)










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