राष्ट्रपति कोविंद: 2022 तक न्यू इंडिया के नये संकल्पों को प्राप्त करने का लक्ष्य
स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति कोविंद ने पहली बार देश को संबोधित किया।
नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश को संबोधित किया। राष्ट्रपति बनने के बाद प्रेसिडेंट कोविंद ने राज्यसभा से पहली बार देश को संबोधित किया। संबोधन में उन्होंने देशवासियों को शुभकामनाएं दी और देश को आजादी दिलाने वाले शहीदों को याद किया। उन्होंने कहा कि 2022 तक न्यू इंडिया के नये संकल्पों को प्राप्त करना हमारा लक्ष्य है।
राष्ट्रपति कोविंद के संबोधन की खास बातें
1. देश को राह दिखाने वाले अनेक महापुरुषों और क्रांतिकारियों का हमें आशीर्वाद मिला
2. गांधीजी के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं, स्वतंत्रता आंदोलन में नेहरू, अंबेडकर के योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता
3. जिस पीढ़ी ने देश को आजादी दिलाई वो दायरा बड़ा था, क्रांतिकारियों का हमें आशीर्वाद मिला
4. अंबेडकर ने संविधान के दायरे में रहकर काम करने, कानून के शासन की अनिवार्यता के विषय में समझाया, उन्होंने शिक्षा के महत्व पर जोर दिया
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5. सरकार का पारदर्शिता पर जोर है, रोजमर्रा की जिंदगी में कार्य संस्कृति को पवित्र रखना होगा
6. टैक्स देने में गर्व महसूस करना हमारी जिम्मेदारी, सरकार को जो मिलता है उसका उपयोग राष्ट्र निर्माण में होता है
7. आज देश में संवेदनशील समाज बनाने की जरूरत है, देश के लिए कुछ कर गुजरने का वक्त है
8. बेटे-बेटी में भेदभाव न हो ऐसा समाज बनाने की जरूरत, सरकार ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान चलाया, बेटियों को सशक्त बनाएं
9. 2022 तक न्यू इंडिया बनाना है, आधुनिक तकनीक को ज्यादा से ज्यादा प्रयोग में लाना है, नागरिक और सरकार की साझीदारी बढ़े
10. नोटबंदी की सराहना की, साथ ही GST पर भी सरकार को बधाई दी
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11. 2020 में टोक्यो ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन करना है, टोक्यो ओलंपिक को राष्ट्रीय मिशन के रूप में लेना है
12. देश के किसानों को सलाम, LPG सब्सिडी छोड़ने वाले लोगों को नमन, राष्ट्र विकास के लिए नागरिक भी सहयोग कर रहे हैं
13. देश को ‘खुले में शौच से मुक्त’ कराना हममें से हर एक की जिम्मेदारी है
14. आज देश के लिए अपने जीवन का बलिदान कर देने वाले वीर स्वतंत्रता सेनानियों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का समय
15. अपने परिवार के बारे में सोचना स्वाभाविक है लेकिन साथ-साथ हमें अपने समग्र समाज के बारे में भी सोचना चाहिए