नई दिल्ली: ईडी ने फेमा जांच में कंपनी, उसके सहयोगियों की 18 करोड़ रुपये की नकदी, बैंक जमा जब्त की
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा विनिमय नियमों के कथित उल्लंघन, अवैध क्रिप्टो लेन-देन, वॉलेट सेवाएं और हवाला से संबंधित मामले में हाल ही में पुणे की एक कंपनी और उससे संबंधित एक इकाई के परिसरों पर तलाशी करने के बाद 18 करोड़ रुपये से ज्यादा के बैंक जमा और नकदी को जब्त किया है
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा विनिमय नियमों के कथित उल्लंघन, अवैध क्रिप्टो लेन-देन, वॉलेट सेवाएं और हवाला से संबंधित मामले में हाल ही में पुणे की एक कंपनी और उससे संबंधित एक इकाई के परिसरों पर तलाशी करने के बाद 18 करोड़ रुपये से ज्यादा के बैंक जमा और नकदी को जब्त किया है।
ईडी ने शुक्रवार को कहा, “वीआईपीएस ग्रुप ऑफ कंपनीज और ग्लोबल एफिलिएट बिजनेस के खिलाफ तलाशी पुणे और पड़ोसी जिला अहमदनगर में 25 जून को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के अंतर्गत की गई थी। इन कंपनियों का प्रबंधन एवं नियंत्रण विनोट खूटे और उसके रिश्तेदार के पास है।”
जांच एजंसी ने बयान में कहा कि खूंटे दुबई में रह रहा है और वीआईपीएस ग्रुप के माध्यम से संचालित कई अवैध कामकाज, क्रिप्टो लेनदेन, वॉलेट सेवाओं के पीछे मुख्य सरगना है। इससे प्राप्त आय की विभिन्न देशों में ‘हवाला’ के माध्यम से हेराफरी की गयी है।
यह भी पढ़ें |
ईडी ने धनशोधन मामले में एम3एम समूह के निदेशक रूप कुमार बंसल को गिरफ्तार किया
ईडी ने कहा कि ग्लोब एफिलिएट बिजनेस ई-कॉमर्स पोर्टलों और गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध एक ऐप ‘ग्लोबल एफिलिएट बिजनेस’ के माध्यम से उत्पाद बेचती है।
जांच एजेंसी ने कहा, “ग्लोबल एफिलिएट बिजनेस एक अवैध तरीके से बहु-स्तरीय विपणन योजना चला रही है। इसके तहत यदि कोई व्यक्ति सदस्य के रूप में योजना का विकल्प चुनता है और ऐप या वेबसाइट पर अन्य उपभोक्ताओं/ग्राहकों को इससे जोड़ता है, तो ऐप पर उसके निवेश/व्यय का एक हिस्सा कमीशन के रूप में उसके खाते या वॉलेट में जमा किया जाता है।’’
ईडी के अनुसार, इस मामले में विभिन्न निवेशकों से 125 करोड़ रुपये जमा किए गए थे।
यह भी पढ़ें |
UP STF की कामयाबी, डॉक्टर का अपहरण कर मांगी 5 करोड़ की फिरौती, हुये गिरफ्तार