डाइनामाइट न्यूज़ की 9वीं वर्षगांठ पर दिल्ली में मीडिया की दशा और दिशा पर गहन चिंतन, दिग्गजों ने रखी बेबाक राय

डीएन ब्यूरो

डाइनामाइट न्यूज़ की 9वीं वर्षगांठ के मौके पर बुधवार को देश की राजधानी दिल्ली के ऐतिहासिक कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर आयोजित संगोष्ठी में देश की दिग्गज हस्तियों का जमावड़ा लगा। पूरी खबर

डाइनामाइट न्यूज़ की 9वीं वर्षगांठ पर दिल्ली में सजा दिव्य मंच
डाइनामाइट न्यूज़ की 9वीं वर्षगांठ पर दिल्ली में सजा दिव्य मंच


नई दिल्ली: देश की राजधानी नई दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में डाइनामाइट न्यूज़ की 9वीं वर्षगांठ (Dynamite News 9th Anniversary Celebration) के मौके पर बुधवार को सजे विविधताओं से भरे भव्य मंच को मीडिया जगत (Media World) में हमेशा याद रखा जायेगा।

इस खास अवसर पर सरकार, मीडिया और पत्रकारों की मौजूदा स्थिति पर गहन चिंतन किया गया और मीडिया की दशा-दिशा पर गणमान्य लोगों ने बेबाकी से अपनी राय रखी।

डाइनामाइट न्यूज़ के इस मंच पर भाजपा, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (BJP, Congress, Samajwadi Party) व अन्य दलों के सांसदों व नेताओं के अलावा प्रमुख ब्यूरोक्रेट्स (Bureaucrats), मशहूर विधिवेत्ता व न्यायविद (Jurist) उद्योगपति (Industrialist) शिक्षाविद (Educationalist), समाजसेवी (Socail Worker), मीडियाकर्मी (Media), खेल (Sports) समेत विभिन्न क्षेत्रों की दिग्गज हस्तियां (Eminent Personalities) शामिल रहीं।

डाइनामाइट न्यूज़ की 9वीं वर्षगांठ के मौके पर दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में देश के अलग-अलग क्षेत्रों की दिग्गज हस्तियां उपस्थित हुईं, जिनमें अलग-अलग दलों के राजनेता भी शामिल रहे लेकिन राजनीतिक तौर पर वैचारिकी की विभिन्नताओं के बावजूद भी सभी दिग्गजों ने खबरों की विविधताओं और तेवरों के लिये डाइनामाइट न्यूज़ की जमकर सराहना की और सम-सामयिक मीडिया की चुनौतियों पर व्यापक चर्चा की।

लोकतंत्र के चार प्रमुख स्तंभों विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया (Legislature, Executive, Judiciary and Media) से जुड़ी तमाम हस्तियों के अलावा बड़ी संख्या में डाइनामाइट न्यूज़ के पाठक और दर्शकों के अलावा बड़ी संख्या में आम लोगों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्लन के साथ किया गया।

डाइनामाइट न्यूज़ की चेयरपर्सन रानी टिबड़ेवाल (Dynamite News Chairperson Rani Tibrewal) ने कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों का बुके देकर स्वागत किया।  

डाइनामाइट न्यूज़ के फाउंडर एवं एडिटर-इन-चीफ मनोज टिबड़ेवाल आकाश (Dynamite News Founder and Editor-In-Chief Manoj Tibrewal Aakash) ने समारोह में पधारे सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह (Momento) भेंट किया और कार्यक्रम को सुशोभित करने वाले सभी अतिथियों का स्वागत किया।

अंत में डाइनामाइट न्यूज़ के समाचार संपादक सुभाष रतूड़ी (Subhash Raturi) ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में डाइनामाइट न्यूज़ के कंसल्टिंग एडिटर वेदप्रकाश (Consulting Editor Ved Prakash) समेत डाइनामाइट न्यूज़ टीम के सुजाता बिस्वाल, रोहित गोयल, जय सिंह, धर्मिका तलवार, कुलदीप राजौरा, सूरज मिश्रा, गौरव कुमार, अखिल सिंघल, गौरव सेमवाल, सुरेंद्र सिंह, कुमारी श्वेता, सूरज कुमार, पवन रॉय, अनुराग श्रीवास्तव, घनश्याम सर्राफ तथा डाइनामाइट न्यूज़ परिवार के अन्य सभी सदस्य  शामिल रहे।  

कार्यक्रम का संचालन रजनी सेन ने किया।

डाइनामाइट न्यूज़ के मुंबई ब्यूरो का उद्घाटन

इस खास अवसर पर देश के दिग्गज उद्योगपति और कुरूक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल (BJP MP Naveen Jindal) ने कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया (The Constitution Club of India) से डाइनामाइट न्यूज़ के मुंबई ब्यूरो कार्यालय का वर्चुअल उद्घाटन (Dynamite News Mumbai Bureau Office Inaugration)  किया। इस मौके पर डाइनामाइट न्यूज़ के मुंबई संवाददाता भी दिल्ली में मौजूद रहे।

नवीन जिंदल ने मुंबई ब्यूरो में मौजूद डाइनामाइट न्यूज की टीम के साथ ऑनलाइन बातचीत भी की। इस मौके पर खचाखच भरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

डाइनामाइट न्यूज खबरों की विश्वसनीयता का पर्याय: नवीन जिंदल

बतौर विशिष्ट अतिथि डाइनामाइट न्यूज़ की 9वीं वर्षगांठ के समारोह में पहुंचे दिग्गज उद्योगपति और कुरूक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल ने डाइनामाइट न्यूज़ को देश में उसके लगातार हो रहे विस्तार के लिये अपनी बधाई और शुभकामनाएं दी।

उन्होंने कहा कि कम समय में ही डाइनामाइट न्यूज देश में खबरों की विश्वसनीयता का पर्याय बन गया है। नवीन जिंदल ने कहा कि डाइनामाइट न्यूज़ ने बेहद कम समय में बहुत और बड़ा नाम कमाया है। इसके साथ ही ऊंचा मुकाम भी हासिल किया है।

डाइनामाइट न्यूज़ की खबर पर ही भरोसा

उन्होंने कहा कि जब तक कोई न्यूज़ डाइनामाइट न्यूज़ पर नहीं आये तो हमें लगता है कि वह न्यूज़ नहीं है। केवल डाइनामाइट न्यूज देखकर ही वह खुद भी किसी न्यूज़ पर भरोसा करते हैं। यह डाइनामाइट न्यूज़ की विश्वसनीयता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि किसी न्यूज़ की पहली शर्त उसकी क्रैडिबिलिटी है और इस मामले में मनोज टिबड़ेवाल आकाश और उनके डाइनामाइट न्यूज़ का कोई शानी नहीं है।

उन्होंने डाइनामाइट न्यूज़ से अपनी खबरों को इसी तरह की विश्वसनीयता को हमेशा बनाये रखने की अपील की और डाइनामाइट न्यूज़ को उसके उज्ज्वल भविष्य के लिये शुभकामनाएं दीं।

लहर सिंह सिरोया, सांसद, भाजपा

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद लहर सिंह सिरोया ने कहा कि यहां अलग-अलग दलों, राजनीतिक विचारधाराओं और अलग-अलग क्षेत्रों के दिग्गजों के साथ मंच शेयर करने का जो मौका उनको डाइनामाइट न्यूज़ ने दिया है, उसके लिये डाइनामाइट न्यूज़ को बहुत-बहुत साधुवाद। उन्होंने इस तरह का अवसर उपलब्ध कराने के लिये डाइनामाइट न्यूज़ का आभार जताया।

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के चार स्तंभों में आज मीडिया की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ गई है। मुझे इस बात की खुशी है कि डाइनामाइट न्यूज़ अपनी इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा रहा है।

देश में न्याय बहुत महंगा  

उन्होंने कहा कि आज देश में न्याय बहुत महंगा हो गया है। आम आदमी को न्याय मिलने में काफी परेशानियां होती हैं। जब आम आदमी पर अत्याचार होगा तो वो मीडिया के पास जायेगा।

आज मीडिया सबके लिये उपलब्ध है। मीडिया की वजह के कई भ्रष्टाचार सामने आये हैं। बड़े-बड़े अपराध जो छुपाये जाते थे, मीडिया के कारण वो बाहर आये हैं। आज आम जनता को मीडिया पर विश्वास है।

कांग्रेस सरकार बधाई की पात्र

उन्होंने कहा कि डा. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में आरटीआई एक्ट लाया गया। इसके लिये कांग्रेस, मनमोहन सिंह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी वास्तव में बधाई के पात्र है। आरटीआई के कारण भ्रष्टाचार से जुड़े कई बड़े मामलों का पर्दाफाश हुआ। अब सरकार को आरटीआई कार्यकर्ताओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिये।

उन्होंने कहा कि एक सांसद होने के नाते उन्होंने सभी राजनेताओं से आम जनता का ध्यान रखने की भी अपील की और कहा कि सरकार सांसदों पर जो पैसा खर्चा करती है, उसका जनहित में पूरा उपयोग होना चाहिये।  

धर्मेंद्र यादव, लोकसभा सांसद

समाजवादी पार्टी के युवा नेता और आजमगढ़ से लोकसभा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि डाइनामाइट न्यूज़ की 9वीं वर्षगांठ के इस समारोह में हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी को उपस्थित होना था लेकिन वे आज जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने की वजह से यहां नहीं आ सके।

हम चाहते हैं कि डाइनामाइट न्यूज़ संसद के शीतकालीन सत्र के मौके पर ऐसा ही एक और भव्य कार्यक्रम का आयोजन करे, जिसमें सपा प्रमुख समेत हम सभी लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हों।

धर्मेंद्र यादव ने मनोज टिबड़ेवाल आकाश समेत पूरे डाइनामाइट न्यूज़ टीम को 9वीं वर्षगांठ पर बधाई देते हुए कहा कि डाइनामाइट न्यूज़ का इस तरह का उत्सव हमेशा आयोजित होता रहे।

दीप प्रज्ज्वलन के साथ डाइनामाइट न्यूज़ की 9वीं वर्षगांठ का हुआ शुभारंभ

उन्होंने कहा कि यूपी के एक दूर-दराज जनपद महराजगंज से आकर मनोज टिबड़ेवाल आकाश ने दिल्ली और पूरे देश में अपना और डाइनामाइट न्यूज़ का नाम रोशन किया है।

निष्पक्ष पत्रकारिता के लिये डाइनामाइट न्यूज़ ने अपनी जो पहचान बनाई है, उसके लिये मनोज और डाइनामाइट न्यूज़ की टीम बधाई की पात्र है।

मीडिया पर अघोषित इमरजेंसी

उन्होंने कहा कि आज देश में मुख्य धारा के निष्पक्ष पत्रकारिता और पत्रकारों के सामने जिस तरह की चुनौतियां बढ़ती जा रही है, जो चिंता का विषय है।

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उन्होंने कहा कि अच्छा है कि अब डिजीटल मीडिया सामने आया है। डिजिटल मीडिया के आने से आज लोगों की बात उचित मंच तक पा पहुंच रही है।

मीडिया द्वारा कई सच्चाइयों को उजागर करने के बाद देश में कई बड़े परिवर्तन भी आये हैं लेकिन अब मीडिया पर 2014 से एक तरह से अघोषित इमरजेंसी जैसा दौर चल रहा है, जो देश और समाज के हित में नहीं है।

मीडिया की जुबान बंद करने वाला कानून अब नहीं होगा पास

उन्होंने कहा कि हम जिस विचारधारा से निकले हैं और नेताजी ने हमें जो सिखाया है, वो ये कि मीडिया में अपनी आलोचना को पढ़िये। जो गलती है, उसे सुधारिये लेकिन आज कुछ लोगों द्वारा अपनी गलतियों को छुपाने के लिये मीडिया का मुंह बंद कराया जा रहा है।

कानून पर कानून लाये जा रहे हैं लेकिन अब जो जनता ने जनादेश दिया है, उसके आधार पर मैं मीडिया को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मीडिया की जुबान बंद करने वाला कोई कानून अब संसद से पास नहीं हो सकेगा, ये मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं।

कार्यक्रम को संबोधित करते डाइनामाइट न्यूज़ के फाउंडर मनोज टिबड़ेवाल आकाश

धर्मेंद्र यादव ने कहा कि आज हमारे सामने जो मौका डाइनामाइट न्यूज़ को बधाई देने का है वहीं इस मौके पर मीडिया को लेकर चिंतन करने का मौका भी है।

हमें सोचना होगा कि मीडिया के माध्यमों को यदि प्रतिबंधित करेंगे तो कैसे देश की सच्चाई हमारे और समाज के सामने आ सकेगी। देश की मीडिया, लोकतंत्र और संविधान के लिये जो भी संघर्ष करना होगा हम समाजवादी लोग उसको करते रहेंगे।

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी को स्मृति चिन्ह देते मनोज टिबड़ेवाल आकाश

शालू जिंदल: उद्योगपति, शिक्षाविद्, कुलाधितपति- ओपी जिंदल विश्वविद्यालय

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मशहूर उद्योगपति, शिक्षाविद और ओपी जिंदल विश्वविद्यालय की कुलाधिपति शालू जिंदल ने कहा कि पत्रकारों का काम है कहानियां सुनाना और सच बताना।

कहानियां मानव समाज को जोड़ने का काम करती है। हमारी महान परंपरा कहानियों के जरिये समाज को जोड़ने की रही है और इसके जरिये कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है।

कार्यक्रम में अतिथियों से मुलाकात करते सुप्रसिद्ध कानूनविद डॉ.अभिषेक मनु सिंघवी

मीडिया से लोगों का विश्वास उठा

शालू जिंदल ने कहा कि आज हमारे समाज को ऐसे सच्चे कहानीकारों और पत्रकारों की जरूरत है, जो समाज के मूक लोगों को आवाज दे और हमारे आसपास क्या हो रहा है, इसका अर्थ समझें।

एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिये एक मजबूत मीडिया की आवश्यकता होती है। हाल के दिनों में मीडिया गलत सूचना और सूचना के विस्फोट से तनाव में है।

ऐसा लगता है कि लोगों ने मीडिया में विश्वास खो दिया है। पहले हम मीडिया पर पूरा विश्वास करते थे और मीडिया को एक पेशे के बजाये एक मिशन के रूप में देखते थे।

उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री सुशील कुमार टिबड़ेवाल ने अभिषेक मनु सिंघवी का पुष्पगुच्छ देकर किया स्वागत

डाइनामाइट न्यूज़ पत्रकारिता के भविष्य को दिशा देगा

उन्होंने कहा कि अब हम सभी को मीडिया को दोबारा प्रतिष्ठित करने में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहिये। आज हमें एक निष्पक्ष मीडिया की आवश्यकता है, जो बिना डर या किसी पक्षपात के हमें कहानियां बता सके।

मुझे लगता है कि डाइनामाइट न्यूज़ जैसा मीडिया संस्थान एक ऐसा संस्थान है, जो सत्ता को आइना दिखायेगा और पत्रकारिता के भविष्य की दिशा प्रदान करेगा।

मंच पर सपा सांसद धर्मेंद्र यादव, भाजपा सांसद नवीन जिंदल, मनोज टिबड़ेवाल आकाश, रानी टिबड़ेवाल और अन्य गणमान्य (दायें से बायें)

डाइनामाइट न्यूज़ की भरोसेमंद खबर

हमने 2017 में ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी में जर्नलिज्म एंड कम्यूनिकेशन की स्थापना की है, जहां हम छात्रों को उच्च स्तरीय शिक्षा देने के लिये जाने जाते हैं लेकिन सटीक होना, निष्पक्ष होना और महत्वपूर्ण क्या है, ये समझना हमारे लिये जरूरी बात है।

मीडिया में विश्वास होना सबसे महत्पूर्ण है। मनोज टिबड़ेवाल आकाश और डाइनामाइट न्यूज़ की विश्वसनीयता में हमारा पूर्ण विश्वास है। नवीन जी भी किसी खबर पर तब भरोसा करते हैं, जब वे इसे डाइनामाइट न्यूज़ पर देखते हैं। इस मंच पर मुझे आमंत्रित करने के लिये आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

भाजपा सांसद नवीन जिंदल के साथ यूपी के पूर्व मंत्री सुशील कुमार टिबड़ेवाल, वरिष्ठ पत्रकार मनोज टिबड़ेवाल, रानी टिबड़ेवाल व अन्य

डॉ. एसवाई क़ुरैशी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त और पूर्व महानिदेशक दूरदर्शन

समारोह को संबोधित करते हुए भारत के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त, दूरदर्शन के पूर्व महानिदेशक डॉ. एसवाई क़ुरैशी ने कहा कि मनोज से मैं तबसे परिचित हूं, जब वे दूरदर्शन का हिस्सा थे।

इनके सवाल, इनकी स्क्रिप्ट और बातें बेहद संतुलित होती थी। इनके अंदर कभी पक्षपात नहीं रहा है। यही कारण है कि यहां इस मंच पर पर अलग-अलग पार्टियों और अलग-अलग क्षेत्रों के लोग बैठे हुए हैं। इनको हर विचारधार और वर्ग के लोग पसंद करते हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ के समारोह में दर्शकों से खचाखच भरा रहा हॉल

फ्रीडम ऑफ प्रेस में भारत की चिंताजनक स्थिति

डॉ. एसवाई क़ुरैशी ने इस मौके पर एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि फ्रीडम ऑफ प्रेस में भारत की पॉजीशन बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि गूगल सर्च पर पता चला कि फ्रीडम ऑफ प्रेस के मामले में 180 देशों में भारत का नंबर 159 है जबकि अबसे 11 साल पहले हमारा रैंक 79 था।

रैंकिंग में गिरावट की वजह मीडिया चैनलों पर हर शाम चिल्लाने वाले एंकर और स्पोक्सपर्सन्स हैं। उन्होंने कहा कि जैसा कि सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि मीडिया को लेकर कुछ बिल लाने की तैयारियां चल रही है। उसके हिसाब से ये कहा जा सकता है कि आने वाले समय में फ्रीडम ऑफ प्रैस के मामले में हम 180 रैंक से ज्यादा दूर नहीं है। देश के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिये यह बेहद गंभीर और चिंताजनक है।  

कार्यक्रम में उपस्थित डाइनामाइट न्यूज़ के कंस्लटिंग एडिटर वेद प्रकाश (बाएंं दे तीसरे) व अन्य गणमान्य

भारत में 134 देशों के कमिश्नर्स की ट्रैनिंग

उन्होंने भारतीय लोकतंत्र को लेकर कहा कि विश्व के 90 देशों के बराबर मतदाता हमारे देश में है। दुनिया हमारे लोकतंत्र को बेहद इज्जत के साथ देखती है। जब मैं मुख्य निर्वाचन आयुक्त था तो हमने इलेक्शन कमीशन ने 'इंडिया इटंरनेशनल इंस्टीट्य़ूट ऑफ डेमोक्रेसी इन इलेक्शन मैनेजमेंट' की स्थापना की थी। उस वक्त की सरकार ने तब इसकी खूब मुख़ालफत की।

आपको यह जानकर खुशी होगी कि इस इंस्टीट्यूशन 11 साल में 134 देशों के कमीश्नर्स यहां से ट्रैनिंग लेकर जा चुके हैं। उन्होने कहा कि हिंदुस्तान विश्वगुरू बनने के सपने देख रहा है। अच्छी बात है, बनना चाहिये और सपना भी देखना चाहिये। इलेक्शन के मामले में तो हम विश्व गुरु बन चुके हैं। 134 देश हमसे चुनाव का प्रशिक्षण लेकर जा चुके हैं। 90 देशों के बराबर हमारे वोटर्स हैं।

हमारा यहां मतदान सुचारू रूप से, बिना किसी हिंसा के होता है। छुटपुट कुछ ईवीएम को लेकर बातें होती हैं।  हमारे यहां डेढ़ करोड़ सरकारी कर्मचारी चुनाव में लगते हैं और इसे सफलता से करवाते हैं। ऐसे में हम फ्रीडम ऑफ स्पीच के मामले में इतने नीचे जायें तो इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिये।

कार्यक्रम में मंचासीन अतिथिगण

डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी, प्रख्यात विधिवेत्ता और सांसद

डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी देश के प्रख्यात विधिवेत्ता, कानूनविद, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और चार बार के सांसद डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने डाइनामाइट न्यूज़ के इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और मीडिया की मौजूदा दशा व दिशा पर अपने सारगर्भित संबोधन से हर किसी नये चिंतन के लिये विवश किया।

डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 9 साल पहले जब डाइनामाइट न्यूज की लॉंचिंग हुई थी तब भी मैं उस कार्यक्रम में उपस्थित था और उसी क्रम में आज यहां आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी चीज को शुरू करना, उसे मैंटेन करना और उसमें निरंतरता लाना आसान नहीं होता है।

मनोज के अंदर हमेशा बेहद सकारात्मकता और आशावादिता मैने देखी है। यही कारण है कि आज डाइनामाइट न्यूज निरंतर आगे बढ़ रहा है।

कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य अतिथि

डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने मनोज टिबड़ेवाल आकाश के संदर्भ में एक शेर पेश करते हुए कहा-

कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता जरा, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो

प्रेस पर सबसे ज्यादा आंतरिक खतरा

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उन्होंने कहा कि जब हम समकालीन प्रेस की स्थिति के बारे में बात करते हैं तो हमें ध्यान रखना चाहिये की प्रेस को जितना खतरा बाहर से हो सकता है उससे अधिक खतरा आतंरिक हो सकता है। बाहरी खतरों में सेंसरशिप, सरकारें आदि हैं। प्रेस को यदि सबसे ज्यादा भय होना चाहिये तो उन अंदरूनी अंगों से जो आज प्रेस कहलाने के योग्य नहीं हैं।

डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि किसी ने गोदी मीडिया का जिक्र किया। ये कोई हमारे लोकतंत्र, गणतंत्र, मानवाधिकार की बातें नहीं है। यह न्यायपालिका की बात भी नहीं है। यह बुनियादी बात है महत्वाकांक्षा की, कभी लालच की तो कभी भय की। यदि ये बातें प्रेस में आ जायें, जिसे हम चौथा स्तंभ कहते हैं।

उन्होंने कहा कि गोदी मीडिया शब्द ब्रिटिश लेखक और उपान्यासकार शैर्लोक होम्स (Sherlock Holmes) के कारण सबसे पहले सामने आया है। जब शैर्लोक होम्स किसी मामले की तहकीकात करने गये तो उन्होंने वहां के लोगों के बारे में अपने साथी से पूछा कि क्या ये वॉच डॉग थे लेकिन उन्हें जवाब मिला की नहीं, ये लेप डॉग थे। लेप डॉग भौंका नहीं करते। यहीं से गोदी मीडिया शब्द अस्तित्व में आया।

डाइनामाइट न्यूज़ के महा-उत्सव में बड़ी संख्या में पहुंचे लोग

महान कानूनविद डॉ. सिंघवी ने इस मौके पर यह भी कहा कि प्रेस को भले ही चौथा स्तंभ कहा जाता हो। इसे चौथा स्तंभ का दर्जा दिया जाता है लेकिन कानून की किताबों में इसका जिक्र नहीं है। वहां केवल तीन स्तंभों की बात है- विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका।

यह चौथा स्तंभ अपने आप बना है। यह चौथा अंग संविधान द्वारा नहीं बना है। हमारे संविधान के स्वतंत्र अभिव्यक्ति वाले अनुच्छेद में प्रेस शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है लेकिन इसे फिर भी चौथे अंग का दर्जा दिया गया है, क्योंकि ये चौथे अंग के रूप में काम करता है। ऐसे में चौथा स्तंभ के अंदरूनी अंग ऐसा करेंगे तो राष्टीय खतरा खड़ा हो जायेगा।

जब तक आप अपनी मशाल और अपने जिम्मेदारी के साथ नहीं चलेंगे तब तक प्रेस को चौथा स्तंभ कहलाने का अधिकार नहीं है।

कार्यक्रम को संबोधित करते लोकसभा सांसद धर्मेद्र यादव

उन्होंने कहा कि आडवाणी जी ने इमरजेंसी में कहा था When People were asked to bend they crawled, उनकी यह बात इमरजेंसी के कई सालों तक सही साबित हुई। यह बात कई ऐसे वर्गों और लोगों पर भी लागू होती है, जिनको जरूरत है बैंड करने की। उन्होंने कहा कि मैंने अपना करियर विजुअल मीडिया के साथ ही शुरू किया था लेकिन आज मीडिया का जबरदस्त कॉकटेल देखता हूं। ये किसी पार्टी या लिकर के कॉकटेल से कई ज्यादा है।

ये कॉकेटल हर शाम को चीखते हुए पक्षपाती एंकर्स, चीखते हुए पैनलिस्ट और पहले से चुने हुए प्रतिभागियों का होता है। यहां एकतरफा मत रखने वाले लोग होते हैं। यहां ये होता है कि कौन कितनी गाली दे सकता है। हालांकि विजुअल मीडिया की अपेक्षा प्रिंट मीडिया में आंशिक गिरावट आई है। आज मीडिया को आत्मचिंतन की जरूरत है। इस देश के 135, 140-45 करोड़ लोगों की मंशा को 20-30 हजार मीटर द्वारा जानने की कोशिश की जाती है। इसके लिये तो नोबेल पुरस्कार दिया जाने चाहिये कि आप मंशा तय करते हैं देखने वालों की।

उन्होंने कहा कि इन सबके आधार पर मीडिया के इश्तहार निश्चित होते हैं। आपको क्या कंटेट परोसा जाता है, वो सुनिश्चित करता है इश्तहार वाला और इश्तहार वाले को सुनिश्चित करता है टीआरपी वाला। लगभग डेढ़ सौ करोड़ के देश में क्या परोसना है, किया दिखाना है, वो टीआरपी वाला सुनिश्चित करता है। डॉ. सिंघवी ने कहा कि आज सोशल मीडिया ने जबरदस्त पैठ बनाई है। इसका महत्व बढ़ गया है।

कार्यक्रम को संबोधित करते सुप्रीम कोर्ट के सीनियर अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी

उन्होंने कहा कि मैं केवल सामाजिक मीडिया की बात कर रहा हूं क्योंकि एंटरटेनमेंट मीडिया में ओटीटी भी शामिल है। सोशल मीडिया के बढ़ने का एक बड़ा कारण ये भी है कि यह पारंपरिक मीडिया से तुलनात्मक तौर पर काफी वेबाक, निर्भिक और स्वतंत्र है। कई लोग सोशल मीडिया को ग्रांटेड लेते हैं। कुछ समय पहले मेरे सोशल मीडिया पर कई इंटरव्यू हुए। आश्चर्य की बात है कि सोशल मीडिया पर मेरे पहले इंटरव्यू पर 9 करोड़ व्यूज आये लेकिन वो देश में नंबर 4 था।

जो उस वक्त नंबर-1 पर था, उसका व्यूज 13 करोड़ था। सोशल मीडिया बेहद सावधानी वाली बात भी है। सावधानी इसलिये की यह परंपरागत मीडिया को सावधान होने का सिग्नल भी देती है, जिसमें विजुअल और प्रिंट दोनों शामिल हैं। ये विजुअल और प्रिंट के ये बताता है कि आप में बहुत गिरावट आ गई है और गिरेंगे तो आपका अस्तित्व मिट जायेगा। लेकिन ये चेतावनी सामाजिक मीडिया के लिये भी है। ये चेतावनी है जिम्मेदारी की। सामाजिक मीडिया में भी कोई सीमा नहीं है, जो उसे गलत करने से रोके। यदि इसकी कोई सीमा है तो वे है आपका जमीर,आपका संतुलन और आपकी मर्यादा। ये अभी सोशल मीडिया की शुरूआत है। यदि इसके साथ एआई को जोड़ दें तो कोई सोच भी नहीं सकता कि विकृत काम करने की सीमाएं और संभावनाएं क्या हो सकती हैं।

इसी संदर्भ में यदि कोई ये कहे कि मानहानि का याचिका डाल दें, तो इसका कोई औचित्य या उत्तर नहीं है क्योंकि हमारे यहां मानहानि का कानून तो सख्त है लेकिन इसका क्रियान्वयन करना बेहद कमजोर है। व्यंग्यात्मक तरीके से उन्होंने कहा कि ये तब यदि आप सरकार में न हों तो। सरकार में हों तो मानहानि का कानून जल्द लागू हो जायेगा। इसलिये सोशल मीडिया के रूप में आपकी सफलता के साथ आपकी एक जिम्मेदारी भी है और आपको वो जिम्मेदारी समझना बेहद जरूरी है। डाइनामाइट न्यूज़ भी सोशल मीडिया का एक बड़ा हिस्सा है। इसमें आपके लिये काफी अच्छा स्कोप है। इसलिये मैंने यहां ये सोशल मीडिया की बातें की।

कार्यक्रम को संबोधित करते डाइनामाइट न्यूज़ के सीनियर एडिटर सुभाष रतूड़ी

डा. सिंघवी ने आगे अपने संबोधन में कहा कि मुझे भारतीय होने पर गर्व है। मैं एक भारतीय नागरिक हूं लेकिन मैं एंटी नेशनल नहीं हूं। मैं एक अधिवक्ता, राजनेता या अन्य कुछ भी बाद में हूं। मैं पहले एक भारतीय नागरिक हूं और आप सबकी तरह चाहता हूं कि इंडिया सुपर पावर बने। मैं भी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में विश्वास करता और रखता हूं। मुझे भी दुनिया के सबसे बड़े संविधान में पूरी आस्था है।

उन्होंने कहा कि यहां मेरे दोस्त कुरैशी ने प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2024 का एक आंकड़ा पेश किया था, जिसमें हमारी पोजिशन 180 में से 159 है। इसमें मैं एक और चिंताजनक बात को जोड़ना चाहता है, जो देश में पत्रकारों की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। यह भी उसी प्रेस फ्रीडम इंडेक्स का दूसरा हिस्सा है, जो पत्रकारों की सुरक्षा और उनके कार्य करने के इको सिस्टम से जुड़ा हुआ है। इसमें भारत का नंबर 180 में से 172 है, जो हमारे लिये एक बड़े खतरे की घंटी है। ये आंकड़ा बताता है कि जो पत्रकार मजबूती से, ईमानदारी से, स्वतंत्र रूप से और सत्यता के साथ अपनी बातें रखते हैं, वो खतरे में है। भारत के पत्रकार 180 में से खतरे के टॉप आठ अंकों पर है, जो विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र यानी भारत के लिये गंभीर चिंता का विषय है।

आंकड़े बतातें हैं कि 2023-24 में देश में 103 पत्रकारों को स्टेट एक्टर्स द्वारा निशाना बनाया गया। जबकि 90 से अधिक पत्रकारों को नॉन स्टेर एक्टर्स द्वारा निशाना बनाया गया। देशद्रोह के मामलों में भी अक्सर पत्रकार फंसते रहते हैं। 2021 के मध्य में ऐसा स्टेटमेंट सुप्रीम कोर्ट में भी रिकार्ड किया गया।  2014 से 2022 के बीच देश द्रोह के मामलों में गिरफ्तार पत्रकारों की संख्या में बेहताशा वृद्धि हुई और ट्रायल में भी तेजी देखी गई।  

डाइनामाइट न्यूज़ के मंच पर भाजपा सांसद नवीन जिंदल और सपा सांसद धर्मेंद्र यादव बेहद निकट आये नजर

मनोज कुमार अग्रवाल, अपर मुख्य सचिव, पश्चिम बंगाल

कार्यक्रम को बतौर विशिष्ठ अतिथि संबोधित करते हुए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और पश्चिम बंगाल सरकार में अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा कि मैं आज से 9 साल पहले भी डाइनामाइट न्यूज की स्थापना के मौके पर भी शामिल रहा।

इसकी यात्रा एक छोटे से ऑफिस से शुरू हुई। आज इसके देश भर में कई ब्यूरो कार्यालय और संवाददाता है।

डाइनामाइट न्यूज की यात्रा आज एक विशाल कारवां में बदल चुकी है।

डाइनामाइट न्यूज़ के मंच पर आसीन सीनियर आईएएस मनोज कुमार अग्रवाल और मशहूर उद्योगपति, शिक्षाविद शालू जिंदल

उन्होंने उम्मीद जतायी कि डाइनामाइट न्यूज़ अगले दो-चार सालों में एक बड़े टीवी चैनल के रूप में स्थापित होगा। उन्होंने अपना अनुभव शेयर करते हुए कहा कि मैं देखता हूं कि डाइनामाइट न्यूज़ पर कई बड़ी खबरें नेशनल चैनल से पहले आ जाती है। ब्यूरोक्रेसी, नेशनल अफेयर समेत कई बड़ी पॉलीटिकल खबरें सबसे पहले डाइनामाइट न्यूज़ पर आती है, जो इसकी सबसे बड़ी यूएसपी है।

मनोज हर व्यक्ति से मिलने-जुलने वाला है। वह समाज को साथ लेकर चलने में भरोसा करता है। मैं उम्मीद करता हूं कि मनोज के नेतृत्व में डाइनामाइट न्यूज़ का कार्यक्षेत्र और बड़ा होगा और यह दिन दूनी रात चौगुनी प्रगति करेगा।

कार्यक्रम को संबोधित करते सीनियर आईएएस अफसर मनोज कुमार अग्रवाल

रमेश पोखरियाल निशंक,पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व सीएम उत्तराखंड

भारत सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने डाइनामाइट न्यूज को इसकी 9वीं वर्षगांठ पर एक वीडियो संदेश के जरिये अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने देवभूमि उत्तराखंड से भेजे अपने वीडियो संदेश में कहा कि मुझे यह जानते हुए खुशी हो रही है कि आज डाइनामाइट न्यूज़ चैनल अपनी यात्रा के 9 वर्ष पूरे करने जा रहा है।

डाइनामाइट न्यूज़ की 9 वर्षों की यात्रा बेहद संघर्षशील और गरिमामयी रही है। डाइनामाइट न्यूज ने इन 9 वर्षों में अपनी विश्वसनीयता भी बनाई है और लोगों के दिलों में जगह भी बनाई है। डाइनामाइट न्यूज़ के इस 9 वर्ष के उत्सव के अवसर पर मुझे बहुत खुशी हो रही है।

कार्यक्रम को संबोधित करते देश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त और दूरदर्शन के पूर्व डीजी एसवाई कुरैशी

निशंक ने कहा कि निश्चित तौर पर डाइनामाइट न्यूज़ की विश्वसनीयता भी बढ़ी है और यह लोगों के बीच भी लोकप्रिय हुआ है।

मुझे उम्मीद है डाइनामाइट न्यूज़ अपनी गरिमा को बनाये हुए पूरे देश औऱ दुनिया में छायेगा। पूरे देश और दुनिया में और अधिक लोकप्रिय होगा।

अतिथियों को डाइनामाइट न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ मनोज टिबड़ेवाल आकाश और चेयरपर्सन रानी टिबड़ेवाल ने स्मृति चिन्ह किया भेंट

मिलिंद देवड़ा, पूर्व केंद्रीय मंत्री, भारत सरकार

पूर्व केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र से सांसद मिलिंद मुरली देवड़ा ने एक वीडियो संदेश के जरिये डाइनामाइट न्यूज़ को 9वीं वर्षगांठ पर बधाई प्रेषित की।

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा महाराष्ट्र में चुनाव की घोषणा की गई, जिस कारण वे डाइनामाइट न्यूज़ के समारोह में शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हो सके इसलिये वर्चुअल माध्यम से जुड़ रहा हूं।

उन्होंने कहा कि वर्चुअल माध्यम परंपरागत मीडिया माध्यमों की अपेक्षा अधिक कठिन है।

सीनियर आईएएस और पश्चिम बंगाल सरकार में अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार अग्रवाल को स्मृति चिन्ह भेंट करते मनोज टिबड़ेवाल आकाश

उन्होंने कहा कि डाइनामाइट न्यूज़ ने आज से 9 साल पहले देश और दुनिया के आम लोगों तक खबरों को पहुंचाने के लिये वर्चुअल और ऑनलाइन मीडियम का कठिन माध्यम चुना।

आज डाइनामाइट न्यूज ने हर जगह अपनी मजबूत और दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। सोशल मीडिया पर चाहे वो ट्विटर हो, यूट्यूब हो, इंस्टाग्राम हो या फिर कोई भी अन्य प्लेटफार्म, डाइनामाइट न्यूज की हर जगह दमदार मौजूदगी है।

मंच पर आसीन डाइनामाइट न्यूज की चैयरपर्सन रानी टिबड़ेवाल, भाजपा सांसद लहर सिंह सिरोया और पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त डा. एसवाई कुरैशी

उन्होंने कहा कि मनोज टिबड़ेवाल को वे कई सालों से जानते हैं। मनोज बेहद जिम्मेदारी के साथ पत्रकारिता करते हैं।

मनोज के नेतृत्व में डाइनामाइ न्यूज़ बेहद गंभीरता, समझदारी, ईमानदारी और प्रमाणिकता के साथ पत्रकारिता करता हैं और देश व दुनिया के लोगों तक खबरें पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि डाइनामाइट न्यूज़ को 9वीं वर्षगांठ पर दिल की गहराइयों से बधाई।

कार्यक्रम के मौके पर टीम डाइनामाइट न्यूज 

ये गणमान्य लोग रहे मौजूद

तीन दशक से मीडिया क्षेत्र में सक्रिय आंटरप्रेन्योर और वरिष्ठ समाजसेवी एसके तिजारावाला, पवन राय, भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और तमिलनाडु के वरिष्ठ आईएएस आनंद पाटिल, सुभारती यूनिवर्सिटी की चांसलर और वरिष्ठ आईएएस स्तुति नारायण कक्कड़, वरिष्ठ आईएएस भगवान शंकर, वरिष्ठ समाजसेवी नोरा मिश्रा, स्पाइस मैके की निदेशक रश्मि मलिक, क्षमा तिवारी, वरिष्ठ आईआईएस अधिकारी सितांशु कर, वरिष्ठ आईआईएस अधिकारी इस्तर कर, वन इंडिया न्यूज़ चैनल के एडिटर-इन-चीफ अनुराग चड्ढा, दूरदर्शन के निदेशक प्रोग्राम रमन हितकारी, वरिष्ठ हेल्थ संवाददाता नितेन्द्र सिंह, वरिष्ठ पत्रकार रुबी कुमारी, वरिष्ठ पत्रकार पंकज पांडेय, जी न्यूज़ के वरिष्ठ पत्रकार अशोक राज, उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री सुशील कुमार टिबड़ेवाल, उत्तर प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और भाजपा विधायक फतेह बहादुर सिंह, भाजपा सांसद अनिल अग्रवाल, स्टील अथारिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन एसके रुंगटा, सार्क यूनिवर्सिटी के निदेशक डा. ओपी यादव, दूरदर्शन के वरिष्ठ एंकर लालचंद्र सिंह, डीडी न्यूज़ के पत्रकार दिवाकर दूबे, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और वरिष्ठ मानवाधिकार कार्यकर्ता ओमप्रकाश व्यास, प्रोफेसर डा. सरोज व्यास, सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट शुभम कुलश्रेष्ठ, एडवोके सुकुन कुमार चंदेल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और समाजसेवी मेजर दलबीर सिंह, जाने-माने चार्टर्ड अकाउंटेंट बिकास सिंघी, उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव न्याय एसके पांडेय, पूजा, फॉक्स एंड मंडल के सैफ वजानी, सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट कुनाल मिमानी, एडवोकेट कार्तिकेय भट्ट, तेज प्रताप, धनबाद के प्रदीप अग्रवाल, हैदराबाद के संजीव परिहार, मुंबई के राज पाडियार, श्रीमती रोमा अग्रवाल, योगेश कुमार, गौरव रघुवंशी, लखनऊ से अनुराग श्रीवास्तव, वरिष्ठ समाजसेवी सुदर्शन पांडेय, सत्यजीत यादव, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता सुनील सिंह, अमेठी के युवा नेता जयसिंह प्रताप यादव, सफदरजंग हास्टपिटल के जाने-माने न्यूरो सर्जन डा. अतुल अग्रवाल, राहुल सिंह, मनोज गाडिया, लोकसभा के निदेशक के श्रीनिवासन, उद्योगपति शैलेन्द्र लूथरा, पीआईबी के सतीश शर्मा, जाने माने शिक्षाविद संगीत केडिया, भारत सहरावत, खेल संगठन से जुड़े धर्मवीर सिंह, हर्ष सरायवाला, वरिष्ठ पत्रकार आकाश द्विवेदी, सुप्रीम कोर्ट के वकील पुष्कर तिवारी, गौरव फिटकरीवाला, सर्वेश कुमार सहित सैकड़ों गणमान्य लोग इस अवसर पर मौजूद रहे।










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