

दुनिया में कई लोग सफेद दाग की समस्या से जूझ रहे हैं। आखिर क्यों होते हैं शरीर पर सफेद दाग और क्या है इसके निदान। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़िये सफेद दाग की समस्या और इससे छुटकारा पाने के उपाय
नई दिल्ली: अभी तक आपने लोगों को यह कहते सुना होगा कि मछली खाने के बाद दूध मत पीना, वरना सफेद दाग पड़ जाएंगे। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस बात में कोई सच्चाई नहीं है।
डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में हम आपको बता दें कि सफेद दाग, जिसे मेडिकल की भाषा में विटिलिगो कहा जाता है, असल में त्वचा से संबंधित एक रोग है, जिसका खान-पान से कोई संबंध नहीं है। आखिर क्या है ये सफेद दाग और क्या है इसके लक्ष्ण? डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये इसकी पूरी हकीकत
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वैसे तो सफेद दाग का सटीक कारण अज्ञात है। इसके लिए आनुवांशिक, स्वप्रतिरक्षी तंत्रिका, जैवरासायनिक, स्वकोशिकाविषी (ऑटोकायोटॉक्सिक) घटना और प्रति उपचायक (एंटीऑक्सीडेंट) की कमी के सिद्धांत के आधार पर यह कई सिद्धांतों पर निर्भर करता है।
इसके अलावा तनाव, संक्रमण का ध्यान केंद्रित और ख़राब गहरे रंग वाले कोशिकाओं (मेलेनोसाइट) का प्रवास भी रोग जनन में योगदान कर सकता है। रोग की 1.56-34% की घटना पारिवारिक होती है।
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आनुवांशिक अध्ययनों से पता चलता है कि पॉलीजेनिक बहुक्रियात्मक वंशानुक्रम और इसकी रोगविषयक अभिव्यक्ति के लिए उपार्जित कारकों की भूमिका है। सफेद दाग को कई स्व-प्रतिरक्षित अवस्था जैसे कि मधुमेह, स्पष्ट दिखने वाले चकतों के रूप में बालों का उखड़ जाना (एलोपेशिया एरियाटा), सांघातिक अरक्तता (परनीसीयस एनीमिया), एडिसन डिजीज (रोग जिसमें अधिवृक्क ग्रंथियां पर्याप्त हार्मोन का उत्पादन नहीं करती हैं) और थायरॉयड बीमारीयों के साथ जोड़ा गया है।
सफेद दाग के लक्ष्ण
त्वचा पर छोटा सफेद दाग जो समय के साथ बढ़ता जाता है, मुख्य तौर पर शरीर का वह हिस्सा जिस पर सीधे सूर्य की रोशनी पड़ती है, वह इससे प्रभावित हो सकता है।
एक व्यक्ति जिसको पहले से ही सफेद दाग हो और उसी दाग पर चोट लग जाने से सफेद दाग बढ़ जाए, तो डॉक्टर के पास तुरंत जाना चाहिए।
इस तरह के सफेद दाग में दर्द नहीं होता और खुजली भी नहीं होती है। लेकिन सूर्य की रोशनी से उसमें जलन होना शुरु हो जाता है। बालों का समय से पहले सफेद होना भी इसके लक्षण हैं।
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