फर्जीवाड़ा कांड में नगर पालिका का कर्मचारी निलंबित, डाइनामाइट न्यूज़ की खबर का बंपर असर

डीएन ब्यूरो

दो दिन पहले डाइनामाइट न्यूज़ पर नगर पालिका महराजगंज में एक लिपिक के बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ किया गया था और आज इस लिपिक को निलंबित कर दिया गया है। पूरी खबर:

फाइल फोटो
फाइल फोटो


महराजगंज: परिवार रजिस्टर बनाने के नाम पर किये गये फर्जीवाड़े से संबंधित खबर “फर्जीवाड़ा: नगर पालिका महराजगंज में बड़ा खेल, कार्यवाही होती देख लिपिक ने दी कोतवाली में तहरीर” के शीर्षक से 6 जून को डाइनामाइट न्यूज़ पर प्रकाशित हुई और 48 घंटे के अंदर नगर पालिका प्रशासन को इस लिपिक को निलंबित करना पड़ गया। सारे मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक मोहम्मद निसार खान नगर पालिका महराजगंज में जन्म मृत्यु पटल के प्रभारी हैं। नगरपालिका की सीमा का विस्तार हुआ तो यहां धनेवा धनेई गांव को शामिल किया गया था।

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इसी गांव के निवासी साबिर को एक पिरवार रजिस्टर की नकल जारी की गयी। नकल जारी करवाने वाले पर आरोप है कि 17 मई 2021 को कूटरचित प्रार्थना पत्र और फर्जी नोटरी लगा कर बताया गया कि हम पांच भाई है सभी विवाहित हैं, चार भाईयों और उनकी पत्नियों को मृत दिखा कर अकेले ही नगर पालिका परिषद के कर्मियों से साथ गांठ कर के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर परिवार रजिस्टर का नकल बनवा कर वरासत के लिए ऑनलाइन करवा लिया गया। जबकि तीन भाई और चार औरतें जिंदा हैं। 

जब इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हुआ तो अपनी नौकरी बचाने के लिए नगर पालिका परिषद के लिपिक मोहम्मद निसार ने फर्जी दस्तवेजों के नाम पर नकल बनवाने वाले जियाउल पुत्र साबिर निवासी धनेवा- धनेई के ऊपर मुकदमा लिखने के लिये कोतवाली में तहरीर दे डाली। 

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अब अधिशासी अधिकारी आलोक कुमार सिंह ने बड़े जिम्मेदारों की गर्दन बचाने के लिए जबरदस्त दांव चला और सबसे पहले दो पन्ने के आदेश में लिपिक को निलंबित करने का हुक्म दिया और दो सदस्यीय कमेटी वरिष्ठ लिपिक मोहम्मद शमीम और जेई योगेश तिवारी की बनाकर रिपोर्ट 25 जून तक मांगी है। इसमें जवाब मांगा गया है कि इस फर्जीवाड़े में और कौन कौन शामिल था?

आम जनता में चर्चा है कि ये मामला तो महज एक बानगी भर है दरअसल नगर पालिका सदर में प्रापर्टी डीलिंग के व्यवसाय से जुड़े लोगों का एक सिंडिकेट काम कर रहा है जो अंदरुनी तौर पर ऐसे जालसाजी भरे दस्तावेज तैयार करा लोगों की जमीनों पर डाका डाल रहा है, इस बड़े घोटाले में कई सफेदपोश शामिल हैं लेकिन जब जांच ही अंदर के लोग कर रहे हैं तो बड़े सफेदपोशों पर शिकंजा कस पायेगा? इसकी उम्मीद करना भी बेमानी है?










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